सीरिया पर चौतरफा मुसीबत, कहर बनकर टूट पड़े इजरायल-अमेरिका और तुर्किए, चरमपंथी ठिकानों पर ताबड़तोड़ हमला
नई दिल्ली : मध्य पूर्व में हालात लगातार गंभीर होते जा रहे हैं। इजराइल, अमेरिका और तुर्की जैसे कई देशों की सैन्य गतिविधियों से सीरिया में तनाव और बढ़ गया है। हाल ही में इजरायली वायुसेना ने सीरिया में बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए थे। इन हमलों का मकसद सीरियाई सेना के हथियारों को नष्ट करना है। जो बशर अल-असद की सरकार के पतन के बाद चरमपंथियों के हाथों में पड़ सकते हैं। इस बीच अमेरिका और तुर्किये ने भी अपने लक्ष्य हासिल करने के लिए हवाई और ज़मीनी हमले किये। सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार इजरायल ने सीरिया में 100 से ज्यादा हवाई हमले किए हैं।
अमेरिकी समर्थित कुर्द बलों पर हमला
हमलों में बाराजा वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र समेंत कई उच्च-मूल्य वाले लक्ष्यों को निशाना बनाया गया। इजरायल के विदेश मंत्री गिदोन सार ने पुष्टि की कि हमले का उद्देश्य रासायनिक हथियारों और लंबी दूरी की मिसाइलों को नष्ट करना था। इजराइल को डर है कि ये हथियार आतंकवादी समूहों के हाथों में पड़ सकते हैं। इजराइल ने हाल ही में गोलान हाइट्स बफर जोन पर कब्जा कर लिया है।
बता दें कि अमेरिका ने मध्य सीरिया में आतंकवादी संगठन ISIS के ठिकानों पर 75 हवाई हमले किए और अमेरिकी सेंट्रल कमांड के मुताबिक बी-52 बॉम्बर और एफ-15ई लड़ाकू विमानों का उपयोग करके इन हमलों को अंजाम दिया। इन हमलों में ISIS के कई लड़ाकों और उनके ठिकानों को नष्ट कर दिया है। हलांकि तुर्किए ने अमेरिकी समर्थित कुर्द बलों पर हमला किया। जिससे उत्तरी सीरियाई शहर मनबिज में तुर्किए समर्थित सीरियाई राष्ट्रीय सेना ने कुर्दों से नियंत्रण छीन लिया गया। तुर्किए ने कुर्द बलों को आतंकवादी इलान किया है कि उन्हें कमजोर करने के लिए लगातार हमले कर रहा है। और इन हमलों से क्षेत्र में स्थिरता पर गहरा असर पड़ा है।