पंचतत्व में विलीन हुए CDS बिपिन रावत, नम आंखों से दोनों बेटियों ने माता-पिता को दी मुखाग्नि, देश गमगीन
तमिलनाडु में हेलिकॉप्टर हादसे में मारे गए भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत (CDS General Bipin Rawat funeral) और उनकी पत्नी मधुलिका का आज शुक्रवार को बरार स्कवायर में अंतिम संस्कार कर दिया गया. नम आंखों से दोनों बेटियों ने पिता जनरल बिपिन रावत और मां मधुलिका का अंतिम संस्कार किया. रावत दंपति के अंतिम संस्कार से पहले उनकी दोनों बेटियों ने पिंडदान भी किया. इस दौरान उन्हें 17 तोपों की सलामी दी गई.
पहले अंतिम संस्कार के लिए सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी के शव को ले जाया गया. पहले तीनों सेनाओं के अधिकारियों ने पार्थिव शरीर को कंधा दिया. फिर तिरंगे को परिवार को सौंप दिया गया. शव यात्रा के बाद पार्थिव शरीर को अर्थी से उठाकर चिता पर रखा गया. सीडीएस रावत की दोनों बेटियों कृतिका और तारिणी ने मिलकर अपने माता-पिता का पूरे रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया.
सीडीएस जनरल बिपिन रावत और मधुलिका रावत की दोनों बेटियां (कृतिका और तारिणी) ने अपने माता-पिता को श्रद्धांजलि दी. परिवार के अन्य सदस्य भी उन्हें अंतिम विदाई देने में शामिल हुए. अंतिम संस्कार के दौरान जनरल बिपिन रावत को 17 तोपों की सलामी दी गई.
सीडीएस बिपिन रावत समेत तमिलनाडु हेलिकॉप्टर क्रैश में जान गंवाने वाले सभी 13 लोगों को आज शुक्रवार को अंतिम विदाई दी जा रही है. जनरल बिपिन रावत का पार्थिव शरीर उनके आवास से बरार स्क्वायर ले जाया गया. यहां करीब शाम 5 बजे उनका अंतिम संस्कार किया गया. उन्हें 17 तोपों की सलामी दी गई. इस दौरान 800 जवान यहां मौजूद रहे.
इससे पहले जनरल बिपिन रावत का पार्थिव शरीर बेस हॉस्पिटल से उनके आवास ले जाया गया. यहां मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना, तीनों सेनाओं के प्रमुख, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत तमाम नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी.