आर्थिक मंदी से जूझ रहा चीन, अपने नागरिकों पर लगाई कई तरह की पाबंदियां

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बीजिंग : दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन इन दिनों बड़ी मुश्किलों में है। व्यक्तिगत ऋण में उल्लेखनीय वृद्धि के कारण चीन आर्थिक मंदी से जूझ रहा है। व्यक्तिगत ऋण पिछले पांच वर्षों में 50% बढ़कर लगभग 11 ट्रिलियन डॉलर हो गया है। हालांकि यह चौंका देने वाला आंकड़ा अमेरिकियों पर बकाया (17.5 ट्रिलियन डॉलर) से कम है। लेकिन चीन में लोगों की औसत आय अमेरिका से बेहद कम है। इस लिहाज से यह बहुत बड़ा कर्ज है। चीन की आर्थिक मंदी के चलते घर की कीमतों में गिरावट, महंगाई दर में वृद्धि और लगातार बेरोजगारी की चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है।

यह वित्तीय समस्या चीन के उपभोक्ताओं को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर रही है। लोगों को नए कपड़े खरीदने या छुट्टियों पर पैसे खर्च करने के बजाए लोन चुकाने के लिए अधिक पैसे देने पड़ रहे हैं। वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, इस आर्थिक संकट के जवाब में, चीनी अधिकारियों ने ऋण चुकौती को लागू करने के अपने प्रयास तेज कर दिए हैं।

इस कार्रवाई के तहत चीन अपने लोगों को दंडित कर रहा है। जो लोग अपना कर्ज चुकाने में विफल हो रहे हैं उन्हें गंभीर दंड झेलना पड़ रहा है। इसके तहत चीन अपने लोगों का वेतन काट रहा है, सरकारी नौकरियों में रोजगार के अवसरों को सीमित कर रहा और हाई-स्पीड ट्रेनों और हवाई यात्रा जैसी लक्जरी सेवाओं तक पहुंच को सीमित कर रहा है। इसके अलावा, बकाया कर्ज वाले व्यक्तियों को अक्सर महंगी बीमा पॉलिसी खरीदने, छुट्टियां लेने या महंगे होटलों में रहने से रोक दिया जाता है। सरकार की सार्वजनिक रूप से उपलब्ध अपराध ब्लैकलिस्ट में सूचीबद्ध लोगों की संख्या 2019 के अंत से लगभग 50% बढ़ गई है। यह अब 83 लाख है।

चीन में खुद को दिवालिया घोषित करने को लेकर सख्त पॉलिसी हैं। यानी चीनी नीतियां अधिकांश नागरिकों के लिए व्यक्तिगत दिवालियेपन की घोषणा की अनुमति नहीं देती हैं। वहीं अमेरिका में व्यक्ति खुद को दिवालिया घोषित कर, एक सिरे से शुरुआत कर सकता है। चीन की नीतियों की खुद चीनी लोग भी आलोचना कर रहे हैं। कर्ज के जाल में फंसे लोगों की व्यक्तिगत कहानियां इन नीतियों के विकराल मानवीय पहलुओं को उजागर करती हैं।

डब्ल्यूएसजे की रिपोर्ट में कहा गया है कि किन हुआंगशेंग नाम के एक शख्स की कहानी बेहद मार्मिक है। वह 16 साल की उम्र में अपने गांव से आई और एक फैक्ट्री कर्मचारी के रूप में काम करने लगी। किन अब 40 साल की हो चुकी हैं और केवल 400 डॉलर प्रति माह सैलरी है। लेकिन उन पर अभी 40,000 डॉलर का कर्ज है। सरकारी प्रतिबंधों के चलते वह हाई-स्पीड रेल नेटवर्क यानी बुलेट ट्रेन पर नहीं बैठ सकतीं। यानी वह केवल चीन की धीमी गति से चलने वाली पुरानी ट्रेनों पर ही सफर कर सकती हैं।

चीन में ऐसी कई कहानियां हैं जहां कर्ज में डूबे लोग रोजमर्रा की जिंदगी में संघर्ष कर रहे हैं। एक अन्य 38 वर्षीय व्यक्ति ने अपने नवजात बच्चे की बेहतर देखभाल के लिए अपना मासिक भत्ता बढ़ाने के लिए अदालतों में याचिका दायर की थी। हालांकि, अदालतों ने न केवल उनके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया, बल्कि उनके मौजूदा भत्ते को भी कम कर दिया, जिससे उन पर वित्तीय शिकंजा और कड़ा हो गया। इन दंडात्मक उपायों ने एक काले बाजार को भी जन्म दिया है। यानी लोग ब्लैक में बुलेट ट्रेन के टिकट खरीद रहे हैं लेकिन अधिकारी इन गतिविधियों पर भी नकेल कस रहे हैं।

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