चक्रवात मिचौंग छोड़ गया तबाही के निशान, राहत शिविरों में सैकड़ों लोग फंसे

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नई दिल्‍ली (New Dehli) । चक्रवाती तूफान मिचौंग (typhoon michaung)जाते-जाते चेन्नै शहर में बर्बादी (waste)के कई निशान (Mark)छोड़कर गया है। तीन दिन बाद भी शहर में हालात (circumstances)नहीं सुधरे हैं। कई जगह जलभराव जस का तस है। कहीं बिजली न होने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। तट के किनारे रहने वाले कई लोग अपनी जान बचाने के लिए अभी भी राहत शिविरों की शरण लिए हुए हैं। प्रशासन का कहना है कि नागरिकों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं। लोगों को हवाई मार्ग के जरिए भोजन, पानी और अन्य जरूरी सुविधाएं पहुंचाई जा रही हैं।

चक्रवात मिचौंग तूफान मंगलवार दोपहर बाद आंध्र प्रदेश के दक्षिणी तट से टकराया। चेन्नै के बाद आंध्र के कई हिस्सों में तबाही के निशान छोड़कर यह उत्तर की तरफ निकल पड़ा है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि आंध्र से निकलते वक्त चक्रवाती तूफान की रफ्तार उतनी नहीं थी। यह अब कमजोर हो गया है। इसलिए उत्तरी राज्यों में इसके बारिश करने की संभावना न के बराबर है। हां आईएमडी ने दिल्ली-एनसीआर तक कोहरा होने की संभावना जरूर जताई है।

उधर, चक्रवाती तूफान मिचौंग की वजह से चेन्नै शहर में अभी भी बर्बादी के निशान हैं। स्थानीय लोगों को शहर के कई हिस्सों में जलभराव और बिजली व्यवधान से जूझना पड़ रहा है। तमिलनाडु की एमके स्टालिन सरकार ने कहा है कि कुछ क्षेत्रों में “एहतियाती उपाय” के रूप में बिजली आपूर्ति बहाल नहीं की गई है क्योंकि केबल पानी में डूबे हुए हैं और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं।

बाढ़ और जलभराव की स्थिति नहीं सुधरी
चक्रवात के कारण हुई भारी बारिश के कारण वेलाचेरी और तांबरम सहित इलाकों में बाढ़ आ गई थी। बुधवार को, लोगों को अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित क्षेत्रों में, अपने बच्चों को लेकर और रुके हुए पानी से गुजरते देखा गया। चेन्नई के कोलाथुर में एक दुकान के मालिक राजाराम ने कहा कि 30 से अधिक दुकानों में पानी घुस गया है। उन्होंने कहा, “पिछले दो दिनों से बिजली की आपूर्ति नहीं है। चीन से आयातित 1,000 से अधिक मछलियां मर गई हैं। इससे हमें लगभग 3-5 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।”

राहत शिविरों में मदद पहुंचा रहा प्रशासन
चेन्नै निवासी पार्वती, जो इस समय एक राहत शिविर में हैं, ने कहा कि प्रशासन बुनियादी ज़रूरतें मुहैया करा रहा है। उन्होंने कहा, “हम अपने क्षेत्र में बाढ़ का सामना कर रहे थे। सरकार ने एक राहत शिविर की व्यवस्था की है जहां हमें उचित भोजन, पानी और बुनियादी जरूरतें मिल रही हैं। हमें इस शिविर में पूरे दिन आपूर्ति मिल रही है।” उन्होंने कहा, सरकार ने गणेशपुरम, ऑस्टिन नगर, बक्स रोड और राधाकृष्णपुरम को भोजन की आपूर्ति की। लोगों का कहना है कि जल स्तर कम नहीं हुआ है और हमे काफी परेशानी हो रही है।

हेल्पलाइन नंबरों से मदद
सरकार की तरफ से कहा गया है कि राहत गतिविधियां पूरे जोरों पर हैं और आधी रात के बाद भी कई प्रभावित इलाकों में लोगों को नावों से बचाया जा रहा है। पुलिस ने नागरिकों के लिए हेल्पलाइन नंबरों की भी घोषणा की है। तमिलनाडु के मुख्य सचिव शिव दास मीना ने संवाददाताओं को बताया कि शहर के कई हिस्सों से पानी की निकासी की जा रही है। जहां पानी की निकासी हो चुकी है वहां सड़कों की सफाई की जा रही है वहीं पेयजल की आपूर्ति भी सुनिश्चित की जा रही है। समाचार एजेंसी पीटीआई ने उनके हवाले से कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और उनके राज्य समकक्षों सहित कई कर्मी राहत और पुनर्वास गतिविधियों में शामिल हैं।

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