दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, फिडे महिला शतरंज वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय बनीं

कोनेरू हम्पी को टाईब्रेकर में हराया, ग्रैंडमास्टर का खिताब भी हासिल किया; अब कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में करेंगी भारत का प्रतिनिधित्व

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FIDE Women Chess World कप 2025: भारत की युवा शतरंज खिलाड़ी दिव्या देशमुख ने ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए हमवतन कोनेरू हम्पी को टाईब्रेकर में हराया। इस रोमांचक मुकाबले में दो क्लासिकल गेम्स ड्रॉ रहे, जिसके बाद टाईब्रेकर में दिव्या ने निर्णायक जीत हासिल की। इस शानदार प्रदर्शन के साथ ही दिव्या ने ग्रैंडमास्टर का खिताब भी अपने नाम किया। वह ग्रैंडमास्टर बनने वाली भारत की चौथी महिला और विश्व की 88वीं खिलाड़ी बनीं। इस प्रतिष्ठित उपलब्धि को दिव्या ने बेहद कम उम्र में हासिल कर देश का नाम गर्व से ऊँचा कर दिया है।

दिव्या देशमुख ने टाई ब्रेकर में किया कमाल

दिव्या देशमुख ने फिडे शतरंज महिला वर्ल्ड कप 2025 के फाइनल में शानदार प्रदर्शन करते हुए इतिहास रच दिया। समय नियंत्रित टाईब्रेकर की पहली बाजी में उन्होंने सफेद मोहरों से खेलते हुए अनुभवी कोनेरू हम्पी को ड्रॉ पर रोका, जबकि दूसरी बाजी में काले मोहरों से खेलते हुए दो बार की विश्व रैपिड चैंपियन हम्पी को मात दी। इस जीत के साथ दिव्या ने मुकाबला 2.5-1.5 से अपने नाम किया और खिताब पर कब्जा जमाया। वह इस टूर्नामेंट को जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बन गई हैं, जो भारतीय शतरंज के इतिहास में एक गौरवपूर्ण उपलब्धि है।

दिव्या देशमुख ने कहा

दिव्या देशमुख ने खिताब जीतने के बाद अपनी खुशी ज़ाहिर करते हुए कहा कि उन्हें इस ऐतिहासिक जीत को समझने और आत्मसात करने के लिए थोड़ा समय चाहिए। उन्होंने विनम्रता के साथ कहा कि यह उनकी किस्मत ही थी कि उन्हें इस तरह ग्रैंडमास्टर का खिताब मिला। दिव्या ने बताया कि टूर्नामेंट शुरू होने से पहले उनके पास एक भी ग्रैंडमास्टर नॉर्म नहीं था, लेकिन अब वह ग्रैंडमास्टर बन गई हैं। उनकी यह उपलब्धि न केवल असाधारण है, बल्कि युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है।

भारत की चौथी महिला ग्रैंडमास्टर बनी दिव्या देशमुख

पिछले कुछ वर्षों में भारतीय पुरुष शतरंज ने डी. गुकेश, आर. प्रज्ञानानंदा और अर्जुन एरिगेसी जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के दम पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी सफलताएँ हासिल की हैं। अब महिला शतरंज में भी दिव्या देशमुख ने ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज करते हुए इस सफलता को नई दिशा दी है। वह हम्पी, डी. हरिका और आर. वैशाली के बाद भारत की ग्रैंडमास्टर बनने वाली चौथी महिला खिलाड़ी बन गई हैं। महिला विश्व कप के फाइनल में पहुंचने के साथ ही दिव्या ने 2026 में होने वाले कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में अपनी जगह पक्की कर ली है, जहां यह तय होगा कि महिला विश्व चैंपियनशिप में चीन की जू वेनजुन को चुनौती कौन देगा। फाइनल में अपने से लगभग दोगुनी उम्र की अनुभवी खिलाड़ी कोनेरू हम्पी को हराने के बाद भावुक दिव्या अपनी खुशी के आंसू नहीं रोक पाईं, जबकि हम्पी ने आखिरी क्षण तक पूरी ताकत से मुकाबला किया।

 

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