न्यूयॉर्क : जब डोनाल्ड ट्रंप 2017 में शपथ ग्रहण से ठीक पहले वॉशिंगटन आए थे तो वहां के लोगों के लिए वह अनजान-अजनबी थे। वह पहले ऐसे राष्ट्रपति थे जिनके पास राजनीति या सेना का कोई अनुभव नहीं था, इसलिए यह साफ नहीं था कि वह कैसे शासन करेंगे। अब, चार साल के अंतराल के बाद वह ज्यादा अनुभव और एक नई व मजबूत टीम के साथ लौट रहे हैं।
इन चार सालों में राजनीतिक परिदृश्य बदल गया है, कांग्रेस के दोनों सदन अब रिपब्लिकन से भरे हुए हैं जो उनके एहसानमंद हैं। दुनिया के जो नेता कभी उनके आलोचक थे, वे वैश्विक मंच को अलविदा कह चुके हैं या उनके साथ काम करने के लिए अधिक इच्छुक हैं। जर्मनी की एंजेला मर्केल ने 2021 में पद छोड़ दिया, कनाडा के जस्टिन त्रूदो कार्यकाल के अंत के करीब हैं और ब्रिटेन, फ्रांस और दक्षिण कोरिया जैसे देशों में नेतृत्व बदल चुका है। इस बीच, ट्रंप को ऐसे नेताओं का समर्थन मिल रहा है जो उनके विचारों से सहमति रखते हैं, जैसे इटली की जॉर्जिया मेलनी, अर्जेंटीना के जेवियर मिली और हंगरी के विक्टर ओरबान।
ट्रंप 2017 में इस बात पर गर्व करते थे कि उनके पास कोई राजनीतिक अनुभव नहीं है। उनके मंत्रिमंडल के कई सदस्यों ने चुपचाप या खुले तौर पर उनके विचारों को रोकने का काम किया। धीरे-धीरे उन्होंने कानून पास कराने, विश्व नेताओं से निपटने और राष्ट्रपति पद की शक्ति का सही इस्तेमाल करना सीख लिया। अब उनके पास बहुत अनुभव है। ट्रंप ने हाल ही में अपने फ्लोरिडा स्थित मार-ए-लागो आवास पर कहा, अब हम और बेहतर काम करेंगे क्योंकि हमारे पास अनुभव है।
रिपब्लिकन प्राइमरी में ट्रंप के आक्रामक खेल ने सदस्यों की एक नई पीढ़ी तैयार की है जो उनकी बात सुनते हैं। अब, कई रिपब्लिकन सांसद ट्रंप पर निर्भर हैं। जैसे, हाउस स्पीकर माइक जॉनसन और सीनेट मेजॉरिटी लीडर जॉन थ्यून जानते हैं कि उनकी ताकत काफी हद तक ट्रंप के समर्थन से आती है। सीनेटर जिम बैंक्स ने कहा उन्होंने अकेले ही पार्टी को पूरी तरह बदल दिया है। ट्रंप के शुरुआती अभियान में आंतरिक संघर्ष देखने को मिले। उन्होंने दो चुनावों में छह अभियान प्रबंधक और अपने पहले कार्यकाल में चार चीफ ऑफ स्टाफ बदले। अब उन्होंने अनुभवी रणनीतिकारों पर भरोसा जताया है नई टीम बनाई है।
ट्रंप ने माना कि अनुभव की कमी की वजह से उन्होंने ऐसे लोगों को काम पर रखा जिन पर बाद में पछतावा हुआ। उन्होंने 2023 में टर्निंग पॉइंट इवेंट के दौरान कहा, मैं लोगों को नहीं जानता था और दूसरों से सिफारिशें लेनी पड़ती थीं। उन्होंने कहा, लेकिन अब उन्हें समझ है कि कौन काबिल है और कौन नहीं। मैं होशियार लोगों को जानता हूं। मैं बेवकूफों को, कमजोरों को जानता हूं। ट्रंप फिर से व्लादिमीर पुतिन, शी जिनपिंग और उत्तर कोरिया के किम जोंग उन जैसे तानाशाह नेताओं के साथ संबंधों को संभालेंगे।
ट्रंप और उनके सहयोगी बीते चार सालों से उनकी वापसी की तैयारी कर रहे थे। हेरिटेज फाउंडेशन जैसे समूह नीतियों और योजनाओं को तैयार कर रहे थे, जो ट्रंप के दोबारा पद संभालते ही लागू की जा सकेंगी। कांग्रेस में रिपब्लिकन विरोधियों को बाहर कर दिया गया है या उन्हें सेवानिवृत्त कर दिया गया है। जैसे पूर्व हाउस स्पीकर पॉल रयान आर-विस ने ट्रंप की आलोचना की और उन्हें तानाशाही रवैये वाला स्वार्थी कहा। रयान ने 2018 में रिटायरमेंट ले लिया। सीनेट के बहुमत नेता मिच मैककॉनेल ने भी ट्रंप पर सख्त बयानबाजी कीं। अब मैककॉनेल ने भी नेतृत्व छोड़ दिया, लेकिन सीनेट में बने रहे। ट्रंप के अन्य मुखर आलोचक जैसे सीनेटर मिट रोमनी और प्रतिनिधि सभा की लिज चेनी भी अब सत्ता में नहीं हैं।