नई दिल्ली: दिल्ली में हवा का स्तर बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गया है। इससे निपटने के लिए ग्रैप-III के उपाय लागू कर दिए गए हैं। शनिवार सुबह दिल्ली का एक्यूआई 390 दर्ज किया गया। यह बेहद खराब श्रेणी में आता है। इसके बाद ग्रैप-III के उपाय लागू किए गए। सर्दियों के दौरान वायु प्रदूषण के स्तर के आधार पर दिल्ली और आसपास के एनसीआर में जीआरएपी के तहत प्रतिबंध लागू किए जाते हैं। हालांकि, सर्दी के दौरान दिल्ली की औसतन बेहद खराब रहती है। डॉक्टरों के अनुसार इससे फेफड़ों और हृदर को गंभीर नुकसान हो सकता है।
जीआरएपी के चार चरण
जीआरएपी वायु गुणवत्ता को चार चरणों में वर्गीकृत करता है। चरण 1 (खराब, एक्यूआई 201-300), चरण 2 (बहुत खराब, एक्यूआई 301-400), चरण 3 (गंभीर, एक्यूआई 401-450) और चरण 4 (गंभीर से भी अधिक, एक्यूआई 450 से ऊपर)। एक्यूआई की मात्रा बढ़ने के साथ ग्रैप के उपाय बढ़ते जाते हैं और कई तरह के कामों में बैन लग जाता है।
इन कामों पर लगी रोक
जीआरएपी-3 के तहत लगाए गए प्रतिबंधों में गैर-जरूरी निर्माण और विध्वंस कार्यों के साथ-साथ पत्थर तोड़ने और खनन गतिविधियों पर रोक शामिल है। इसके अंतर्गत दिल्ली में पुराने डीजल मालवाहक वाहनों पर प्रतिबंध है, जबकि कक्षा 5 तक के स्कूल हाइब्रिड मोड में स्थानांतरित हो गए हैं और दिल्ली-एनसीआर में कार्यालय 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ काम कर सकते हैं।

वजीरपुर की हालत सबसे खराब
शनिवार की सुबह, राष्ट्रीय राजधानी के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया। वजीरपुर की हालत सबसे खराब रही। यहां का एक्यूआई 443 था। जहांगीरपुरी में 439 और विवेक विहार में 437 एक्यूआई दर्ज किया गया। अन्य क्षेत्रों में आनंद विहार (435), बुराड़ी क्रॉसिंग (415), चांदनी चौक (419), गाजीपुर (435), जहांगीरपुरी (442), आरके पुरम (404) और रोहिणी (436) ऐसे केंद्र रहे, जहां एक्यूआई 400 से ज्यादा रहा।