श्रीहरिकोटा : श्रीहरिकोटा के अंतरिक्ष केंद्र से भारतीय अंतरिक्ष एवं अनुसंधान संगठन (ISRO) के ऐतिहासिक 100वें मिशन यानी GSLV रॉकेट के जरिए नेविगेशन उपग्रह के प्रक्षेपण के लिए 27 घंटे की उल्टी गिनती आज यानी मंगलवार को शुरू हो गई ।
इस बाबत अंतरिक्ष एजेंसी ISRO से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी। जानकारी दें कि, यह ISRO के अध्यक्ष वी नारायणन के नेतृत्व में पहला मिशन होगा। उन्होंने बीते 13 जनवरी को पदभार संभाला था। सूत्रों की मानें तो, स्वदेशी क्रायोजेनिक चरण के साथ भू-समकालीन उपग्रह प्रक्षेपण यान (GSLV) अपनी 17वीं उड़ान में नेविगेशन उपग्रह एनवीएस-02 को लेकर यहां दूसरे लॉन्च पैड से आगामी 29 जनवरी को सुबह छह बजकर 23 मिनट पर प्रक्षेपित होगा। कई सूत्रों ने कहा, ‘‘27.30 घंटे की उल्टी गिनती सोमवार देर रात दो बजकर 53 मिनट पर शुरू हुई।”
जानकारी दें कि, यह नेविगेशन उपग्रह ‘नेविगेशन विद इंडियन कांस्टेलेशन’ (नाविक) श्रृंखला का दूसरा उपग्रह है, जिसका उद्देश्य भारतीय उपमहाद्वीप के साथ-साथ भारतीय भूभाग से लगभग 1,500 किलोमीटर आगे के क्षेत्रों में उपयोगकर्ताओं को सटीक स्थिति, गति और समय की जानकारी प्रदान करना है। यूआर सैटेलाइट सेंटर द्वारा डिजाइन और विकसित इस एनवीएस-02 उपग्रह का वजन लगभग 2250 किलोग्राम है। इसमें एल1, एल5 और एस बैंड में नेविगेशन पेलोड के साथ-साथ सी-बैंड में रेंजिंग पेलोड भी लगाया गया है, जैसा कि इसकी पहली पीढ़ी की सैटेलाइट एनवीएस-01 में था।
ISRO की मानें तो, NavIC (नेविगेशन विद इंडियन कंस्टीलेशन) भारत का स्वतंत्र क्षेत्रीय नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम है। इसका उद्देश्य भारत और भारतीय जमीन से 1,500 किमी तक फैले क्षेत्र में उपयोगकर्ताओं को सटीक पोजीशन, वेलोसिटी और टाइमिंग सेवाएं भी प्रदान करना है।