प्रयागराज : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को गंगा, यमुना और सरस्वती की त्रिवेणी में डुबकी लगाई। मौनी अमावस्या के दौरान हुए हादसे के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि प्रधानमंत्री महाकुंभ में नहीं आएंगे। इसके साथ ही विपक्षी पार्टियां भी केंद्र और प्रदेश सरकार पर लगातार इस मुद्दे को लेकर हमलावर हैं। भाजपा की सरकारों पर महाकुंभ में की गई व्यवस्था को लेकर तरह-तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। इन सबके बीच संगम में डुबकी लगाकर बिना कुछ बोले पीएम ने विरोधियों को मौन रहने का भी संदेश दिया है। विपक्षी दलों के नेता महाकुंभ में अव्यवस्था और असुविधा का लगातार दावा कर रहे हैं। कांग्रेस सांसद उज्ज्वल रमण सिंह भी महाकुंभ के दौरान अव्यवस्था का मुद्दा जोर-शोर से संसद में उठा चुके हैं। इसके अलावा सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव भी केंद्र और प्रदेश सरकार को लगातार घेर रहे हैं। अन्य दलों के नेता भी सवाल उठा रहे हैं। खास बात यह रही कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के दौरान किसी भी श्रद्धालु को कोई दिक्कत नहीं हुई। शहर में कहीं भी डायवर्जन की व्यवस्था लागू नहीं की गई।
वहीं, एक ओर जहां प्रधानमंत्री ने गंगा और यमुना के संगम स्थल पर तैयार विशेष जेटी पर स्नान किया तो उसी दौरान स्नानार्थियों ने संगम घाट पर डुबकी लगाई। आसपास के घाटों पर भी प्रधानमंत्री की झलक पाने के लिए लोग रुके रहे। इस दौरान स्नानार्थी लगातार नारेबाजी भी करते रहे। वहीं, प्रधानमंत्री ने भी हाथ हिलाकर उनका अभिवादन किया। प्रधानमंत्री ने बुधवार को पावन डुबकी के माध्यम से पूरी दुनिया को एक भारत श्रेष्ठ भारत और वसुधैव कुटुंबकम का संदेश दिया। बुधवार को पीएम मोदी का संगम स्नान बहुत महत्वपूर्ण रहा। विशिष्ट योग में उन्होंने संगम में डुबकी लगाई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह प्रयागराज एयरपोर्ट पहुंचे, जहां से वह एमआई-17 हेलिकॉप्टर में बैठकर डीपीएस हेलीपैड पहुंचे। यहां पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया। यहां से प्रधानमंत्री अरैल घाट पहुंचे, जहां से विशेष बोट पर सवार होकर उन्होंने त्रिवेणी संगम का रुख किया। बोट पर उनके साथ मुख्यमंत्री भी मौजूद रहे। इस दौरान प्रधानमंत्री महाकुंभ में की गईं व्यवस्थाओं और श्रद्धालुओं को दी जा रहीं सुविधाओं के बारे में भी जानकारी लेते रहे। बोट से भ्रमण के दौरान पीएम ने त्रिवेणी संगम पर मौजूद श्रद्धालुओं का अभिवादन स्वीकार किया।