लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ वृक्षारोपण महाअभियान-2025 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राजधानी लखनऊ में एक उच्चस्तरीय बैठक की। इस बैठक में प्रदेश के महापौर, जिला पंचायत अध्यक्ष, क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष, ब्लॉक प्रमुख, पार्षद, सभासद, और ग्राम प्रधानों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद किया गया। सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुसार, ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान 5 जून, विश्व पर्यावरण दिवस से शुरू हुआ था, और अब यह सफलता की नई ऊंचाइयों को छूने की ओर अग्रसर है।
प्रदेश में वनावरण में वृद्धि
मुख्यमंत्री ने बताया कि 2017 से पहले उत्तर प्रदेश का वन आच्छादन घट रहा था, लेकिन पिछले आठ वर्षों में किए गए योजनाबद्ध प्रयासों के परिणामस्वरूप प्रदेश का वन आच्छादन 9 प्रतिशत से बढ़कर 10 प्रतिशत हो गया है। प्रदेश अब हरित आवरण में वृद्धि के मामले में देश में दूसरे स्थान पर है। 2017 से 2024 के बीच हरित आवरण में 5 लाख एकड़ की वृद्धि हुई, जबकि 2021 से 2023 तक वनावरण में 1 लाख 38 हजार एकड़ की बढ़ोतरी देखी गई है। 2017 से 2023 के बीच कुल 3.38 लाख एकड़ का ऐतिहासिक इजाफा हुआ है।
ग्लोबल वार्मिंग मानवता के लिए खतरा
सीएम योगी ने ग्लोबल वार्मिंग को मानवता के लिए एक गंभीर खतरा बताया, जिसके परिणामस्वरूप प्राकृतिक आपदाएं जैसे भूस्खलन, बाढ़ और अत्यधिक वर्षा हो सकती हैं। उन्होंने जलवायु संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि हमें आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित पृथ्वी सौंपनी होगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने 2070 तक भारत को नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन वाला देश बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए मुख्यमंत्री ने किसानों को खेतों की मेड़ों पर पौधरोपण के लिए प्रेरित किया, ताकि उन्हें कार्बन क्रेडिट के तहत लाभ मिल सके। पिछले साल इस योजना के अंतर्गत किसानों को 32 लाख रुपये का भुगतान किया गया था, और इस वर्ष सात मंडलों के किसानों को 42 लाख रुपये का भुगतान किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने नदियों के पुनरोद्धार की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि नदियां पृथ्वी की जीवन रेखा हैं, और इनके सुरक्षित रहने से पृथ्वी भी सुरक्षित रहेगी।