Paytm के मालिक को कभी कंपनी के लिए लेना पड़ा था कर्ज जानिए पेटीएम की क्या है कहानी

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पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा ने एक नया इतिहास रच दिया है. उनकी कंपनी को देश का सबसे बड़ा आईपीओ (IPO) लाने के लिए भी जाना जाएगा. बुधवार को आईपीओ के आखिरी दिन ये लगभग दोगुने सब्सक्रिप्शन के साथ बंद हुआ. इस पूरी कंपनी और खुद विजय शेखर शर्मा की यात्रा की बात करें तो एक समय वो भी था जब इस कंपनी के लिए उन्होंने 24% के ब्याज पर कर्ज लिया था.

बुधवार को अंतिम दिन Paytm IPO का कुल सब्सक्रिप्शन 1.89 गुना रहा. कंपनी ने 4.83 करोड़ शेयरों के लिए बोलियां मंगाई थीं, जबकि उसे कुल 9.14 करोड़ शेयरों की बिड्स मिली हैं. छोटे निवेशकों के लिए अलग रखे गए शेयरों में कंपनी को 1.66 गुना सब्सक्रिप्शन मिला है. वहीं गैर संस्थागत निवेशक श्रेणी में ये 24% और पात्र संस्थागत निवेशक श्रेणी में 2.79 गुना सब्सक्राइब हुआ है.

Paytm IPO का साइज 18,300 करोड़ रुपये का है जो देश के इतिहास में सबसे बड़ा IPO है. इससे पहले करीब 15,000 करोड़ रुपये का सबसे बड़ा आईपीओ कोल इंडिया का आया था. इस आईपीओ के लिए कंपनी ने प्रति शेयर 2,080 रुपये से लेकर 2,150 रुपये का प्राइस बैंड तय किया था. देश का ऐतिहासिक IPO लाने वाली कंपनी पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा की कहानी भी ऐतिहासिक तौर पर प्रेरणा देने वाली है.

भारत के मध्यमवर्गीय परिवारों के परिवेश में अंग्रेजी भाषा के ज्ञान को अक्सर सफलता का पैमाना माना जाता है. लेकिन उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में पैदा हुए विजय शेखर शर्मा हिंदी माध्यम से पढ़े और अपनी काबिलियत को लगातार साबित करते रहे. उनके पिता एक अध्यापक थे तो मां एक साधारण गृहणी. आज हिंदी माध्यम में पढ़े लिखे विजय शेखर शर्मा देश के चुनिंदा अरबपतियों में शामिल हैं और Paytm जैसी शानदार उपलब्धि उनके खाते में हैं.

विजय शेखर शर्मा ने दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन में इंजीनियरिंग की डिग्री ली. कॉलेज में ही उन्होंने एक वेबसाइट indiasite.net बनाई और बाद में इसे कई लाख रुपये में बेच दिया. इसके बाद 2000 में One97 Communications कंपनी बनाई.

One97 Communication की शुरुआत दक्षिण दिल्ली में एक छोटे से किराए के कमरे हुई. Paytm की औपचारिक शुरुआत 2010 में हुई. Paytm शुरू करने से पहले इसकी पेरेंट कंपनी One97 Communication न्यूज, क्रिकेट स्कोर, रिंगटोन, जोक्स और एग्जाम रिजल्ट जैसे मोबाइल कंटेन्ट मुहैया कराती थी. एक इंटरव्यू में विजय शेखर शर्मा ने बताया था कि उनके बिजनेस में सबसे बड़ा सबक यह था कि इसमें कैश फ्लो नहीं आने वाला था. उन्होंने कहा था कि मेरे बचत के पैसे भी जल्द खत्म हो गए और इसके बाद मुझे अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों से लोन लेना पड़ा. कुछ दिन में वह भी पैसा खत्म हो गया. अंत में मुझे एक जगह से 8 लाख रुपये का लोन 24 फीसदी ब्याज पर मिला.

विजय शेखर शर्मा ने ये भी बताया था कि एक बार मुझे एक सज्जन मिले और उन्होंने कहा कि आप यदि मेरी घाटे वाली टेक्नोलॉजी कंपनी को फायदे में ले आएं तो मैं आपकी कंपनी में निवेश कर सकता हूं, मैंने उनके कारोबार को मुनाफे में ला दिया और उन्होंने मेरी कंपनी One97 Communications में 40 फीसदी इक्विटी उन्होंने खरीद ली. Vijay Shekhar Sharma का कहना है कि साल 2011 में कई तरह के आइडिया आए, लेकिन अंत में उन्होंने स्मार्टफोन से पेमेंट की व्यवस्था को चुना, तब भारत में टेलीकॉम बूम पीक पर था. इस तरह ‘मोबाइल पेमेंट’ वाले पेटीएम का जन्म हुआ. पेटीएम असल में पे थ्रू मोबाइल (Pay Through Mobile) का ही छोटा रूप है.

साल 2016 में 8 नवंबर को सरकार ने 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद कर दिए. इसके बाद देश में डिजिटल पेमेंट तेजी से बढ़ा और इसका फायदा Paytm को मिला. शायद यही वजह है कि विजय शेखर शर्मा ने अपनी कंपनी का आईपीओ (Paytm IPO) लाने के लिए भी इसी तारीख को चुना.

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