श्रद्धा मर्डर केस में पुलिस को मिली एक और बड़ी सफलता

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नई दिल्ली: श्रद्धा वालकर (shraddha walker) की हत्या के मामले में एक के बाद एक कई खुलासे हो रहे हैं. कई खुलासे बेहद हैरान और परेशान करने वाले हैं. इस मामले में अब सामने आ रहा है कि आफताब अमीन पूनावाला (Aftab Amin Poonawalla) ने श्रद्धा के शव के टुकडे़ करने के लिए एक से अधिक हथियार का इस्तेमाल किया. दिल्ली पुलिस के सूत्र ने बताया है कि आफताब ने पुलिस को बताया है कि श्रद्धा के शरीर के टुकड़े करने के लिए कई हथियारों का इस्तेमाल किया गया. पिछले कुछ दिनों में पुलिस ने 5 बड़े चाकू बरामद किए हैं जिन्हें जांच के लिए फॉरेंसिक टीम (forensic team) को भेजा गया है.

चाकू बेहद शार्प (sharp) हैं और उनकी लंबाई करीब 5-6 इंच है. फॉरेंसिक टीम ही बता पाएगी की क्या इन चाकुओं का इस्तेमाल श्रद्धा की बॉडी को काटने के लिए आफताब ने किया था. लेकिन पुलिस को अब तक दूसरा बड़ा हथियार आरी नहीं मिल पाई है. वहीं आफताब के पॉलीग्राफ टेस्ट का आज दूसरा सत्र रोहिणी में फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) में चल रहा है. इससे पहले बुधवार यानी 23 नवंबर को जांच नहीं हो पाई थी क्योंकि 28 साल के पूनावाला को बुखार और जुकाम था. सूत्रों से सामने आया है कि आफताब पॉलीग्राफी टेस्ट के दौरान सहयोग नहीं कर रहा है. वो पूछताछ के दौरान सवालों के जवाब से बचता दिखा. शुरुआत में सवाल पूछने पर बिल्कुल चुप रहा. टेस्ट के दौरान पूरे जवाब नहीं दे रहा था.

इस जांच में देरी से पूनावाला की नार्को जांच में भी देरी हो गई है. पॉलीग्राफी जांच में रक्तचाप, नब्ज और सांस की दर जैसी शारीरिक गतिविधियों को रिकॉर्ड किया जाता है और इन आंकड़ों का इस्तेमाल यह पता लगाने में किया जाता है कि व्यक्ति सच बोल रहा है या नहीं. वहीं, नार्कों टेस्ट में व्यक्ति की आत्मचेतना को कम कर दिया जाता है ताकि वह खुलकर बोल पाए. पूनावाला को उसके भावनात्मक, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य का पता लगाने के लिए कई परीक्षणों से गुजरना होगा. यदि प्रारंभिक जांच में उसे ठीक नहीं पाया जाता है तो नार्को विश्लेषण नहीं किया जा सकता है. आफताब की पॉलीग्राफी जांच का पहला सत्र 22 नवंबर को रोहिणी के एफएसएल में हुआ था. पॉलीग्राफी जांच को लाई डिटेक्टर के नाम भी जाना जाता है.

गौरतलब है कि पूनावाला ने अपनी लिव-इन पार्टनर 27 साल की वालकर की मई में कथित तौर पर गला दबाकर हत्या कर दी थी और उसके शव के 35 टुकड़े कर दिए थे. इसके बाद उन्हें करीब तीन सप्ताह तक दक्षिण दिल्ली के महरौली में अपने घर में 300 लीटर के फ्रिज में रखा था और कई दिनों तक उन्हें शहर के अलग-अलग हिस्सों में फेंका था.

इस केस में ये भी सामने आया है कि श्रद्धा ने करीब दो साल पहले महाराष्ट्र में पुलिस से की गई शिकायत में आरोप लगाया था कि उसके लिव-इन-पार्टनर आफताब ने उसे मारने की कोशिश की और उसे डर है कि वह उसके टुकड़े-टुकड़े कर फेंक देगा. बाद में वालकर ने अपनी शिकायत वापस ले ली थी और पुलिस ने मामला बंद कर दिया था. वालकर ने 23 नवंबर 2020 को पालघर जिले के तुलिंज थाने में तहरीर दी थी, जिसके आधार पर पुलिस दो बार उनके आवास पर गई और वालकर का बयान दर्ज किया. उस वक्त श्रद्धा ने पुलिस से कहा था कि उसने क्षणिक गुस्से में आकर शिकायत दर्ज कराई है और उसके तथा पूनावाला के बीच का मामला सुलझ गया है. गौरतलब है कि पूनावाला और वालकर की मुलाकात एक डेटिंग ऐप के जरिए हुई थी. इसके बाद उन्होंने मुंबई में एक कॉल सेंटर में साथ काम करना शुरू किया और दोनों के बीच वहीं से प्रेम संबंध शुरू हुए. बाद में वे दिल्ली आ गए थे.

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