मुंबई: बिजेनेसमैन राज कुंद्रा ने पोर्न नेटवर्क से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपनी ऑफिसों और आवासों पर ED की छापेमारी के बाद चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने कहा कि कोई भी सनसनीख़ेज़ खबर सत्य को ढक नहीं सकती। साथ ही उन्होंने उन मीडिया रिपोर्ट्स की भी आलोचना की, जिनमें उनकी पत्नी और अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी को इस मामले में घसीटा गया और इसे अस्वीकार्य बताया।
राज कुंद्रा ने एक इंस्टाग्राम पर पोस्ट शेयर कर लिखा- “जब मीडिया को ड्रामा की आदत हो, तो हम सच का खाता साफ़ करें। मैं इस ongoing जांच में पूरी तरह से सहयोग कर रहा हूं, जो पिछले चार साल से चल रही है। ‘सहयोगी’, ‘पोर्नोग्राफी’ और ‘मनी लॉन्ड्रिंग’ जैसे आरोपों के बारे में कहें तो, कोई भी सनसनीख़ेज़ खबर सत्य को ढक नहीं सकती। अंत में न्याय की जीत होगी। वह पूरी तरह से विश्वास रखते हैं कि आखिरकार सत्य सामने आएगा और न्याय होगा। मेरी पत्नी का नाम बार-बार असंबंधित मामलों में घसीटना अस्वीकार्य है। कृपया सीमाओं का सम्मान करें।”
मनी लॉन्ड्रिंग का मामला
यह मनी लॉन्ड्रिंग केस मई 2022 में मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज दो FIR और चार्जशीट से जुड़ा है, जिसमें कुंद्रा और उनके अन्य सहयोगियों पर आरोप लगाए गए हैं। 2021 में कुंद्रा को पोर्नोग्राफिक फिल्में बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, उन्हें सितंबर 2021 में जमानत मिल गई। इसके बाद वह जेल में दो महीने रहे थे। मुंबई पुलिस का कहना है कि कुंद्रा इस मामले का मुख्य साजिशकर्ता था।
कुंद्रा का बयान और ऐप का विवाद
राज कुंद्रा ने 2021 में मुंबई की एक स्थानीय अदालत में कहा था कि मुंबई पुलिस के पास उनके द्वारा चलाए जा रहे ऐप ‘Hotshots’ को पोर्नोग्राफी से जोड़ने का कोई ठोस प्रमाण नहीं है। इस ऐप का इस्तेमाल केवल अश्लील सामग्री अपलोड और स्ट्रीम करने के लिए किया जा रहा था, लेकिन इसके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं था। उन्हें झूठा फंसाया गया है और वह इस मामले में “सक्रिय रूप से” शामिल नहीं थे। उन्होंने दावा किया कि उनके खिलाफ कोई FIR भी नहीं थी और उन्हें इस मामले में पुलिस ने फंसाया।
FIR और शिकायतें
पुलिस ने इस मामले में दो महिलाओं की शिकायतों के आधार पर FIR दर्ज की थी। इसके अलावा एक अन्य महिला ने लोणावला पुलिस स्टेशन में भी शिकायत दी थी, जो मुंबई से करीब 120 किलोमीटर दूर है, जांच के दौरान यह सामने आया कि कुछ छोटे कलाकारों को वेब सीरीज या शॉर्ट स्टोरी में ब्रेक देने का लालच देकर इस रैकेट में शामिल किया गया था। पुलिस ने इस पूरे मामले को लेकर विस्तार से जांच की और कहा कि कई ऐसे लोग इस अवैध गतिविधि का हिस्सा बने थे, जिन्हें फंसाया गया।