गुवाहाटी टेस्ट मैच जीतने के लिए रवि शास्त्री ने टीम इंडिया को दी अजीबोगरीब सलाह, कहा- 100 रन पहले पारी…
गुवाहाटी के बरसापारा क्रिकेट स्टेडियम में भारत और साउथ अफ्रीका के बीच टेस्ट सीरीज का दूसरा और अंतिम मैच खेला जा रहा है। इस टेस्ट मैच में साउथ अफ्रीका ने अपनी पहली पारी में 489 रन बनाए थे। जवाब में टीम इंडिया ने भी दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक अपनी पहली पारी में बिना किसी नुकसान के 9 रन बना लिए हैं। ऐसे में अब तीसरे दिन का खेल दोनों टीमों के लिए काफी अहम होने वाला है। इस बीच दूसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर और हेड कोच रवि शास्त्री ने गुवाहाटी टेस्ट मैच जीतने के लिए भारतीय टीम को अजीबोगरीब सलाह दी है।
भारतीय टीम को नहीं मिली है एक भी जीत
रवि शास्त्री का मानना है कि भारतीय बल्लेबाजों को पहली पारी में ज्यादा समय बर्बाद ना करते हुए तेजी से रन बनाने चाहिए, वहीं अगर जरूरत पड़ी तो साउथ अफ्रीका की पहली पारी से कम स्कोर पर उन्हें पारी घोषित कर देनी चाहिए। जिससे कि वह दूसरी पारी में साउथ अफ्रीका को जल्दी ऑलआउट करके टारगेट हासिल कर सकें। आपको बता दें कि भारत ने टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सिर्फ 4 बार दूसरी पारी में विपक्षी टीम के स्कोर से कम पर पारी घोषित की है, जिसमें एक भी बार टीम इंडिया को जीत नहीं मिली है।
टीम इंडिया को रवि शास्त्री ने क्या सलाह दी?
रवि शास्त्री ने स्टार स्पोर्ट्स पर कहा कि टैक्टिकली, इंडिया को कल फैसला करना होगा। देखें कि वे नई बॉल का सामना कैसे करते हैं, फिर गेम को आगे बढ़ाएं और जीत हासिल करें। उन्हें फैसले लेने होंगे, जिसका मतलब है कि आप शायद पहले डिक्लेयर करना चाहें। फिर दूसरी पारी में विपक्षी टीम को जल्दी आउट करने की कोशिश करें। उन्होंने आगे कहा कि आपको ये चांसेस लेने होंगे। आप 489 रन से आगे बैटिंग करने का इंतजार नहीं कर सकते। इसमें बहुत समय लगेगा। उन्हें 80, 90, यहां तक कि 100 रन पीछे डिक्लेयर करना पड़ सकता है और उसके बाद देखें कि इसका क्या नतीजा होता है।

टेस्ट क्रिकेट में टीमों ने 33 बार किया ऐसा
टेस्ट क्रिकेट में 33 बार टीमों ने दूसरी इनिंग में पीछे होने पर पारी घोषित की है, जिसमें से सिर्फ तीन मौकों पर टीम को जीत मिली है। भारत ने चार बार ऐसा किया है, लेकिन उन्हें एक भी बार जीत नहीं मिली है। टीम इंडिया को इस कंडीशन में एकमात्र हार 1948 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मेलबर्न में मिली थी, जब उन्होंने 103 रन कम पर पारी घोषित की थी। वहीं बाकी तीन बार भारत ने फैसलाबाद (1978) में पाकिस्तान से 41 रन पीछे, कानपुर (1982) में इंग्लैंड से 1 रन पीछे और नागपुर (2012) में इंग्लैंड से 4 रन पीछे भारत ने पारी घोषित की थी और वो सभी मुकाबले ड्रॉ पर खत्म हुए थे।