नई दिल्ली. आज यानी गुरूवार 14 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दोपहर 2 बजे से बिलकिस बानो केस (Bilkis Bano Rape Case) की सुनवाई होगी। जानकारी दें कि, इस मामले में बीती सुनवाई 30 अगस्त को हुई थी। तब कोर्ट ने मुंबई की ट्रायल कोर्ट में जुर्माना भरने पर एक दोषी को जमकर फटकार लगाई थी। अदालत ने कहा था कि, आपने कोर्ट की अनुमति के बिना यह जुर्माना क्यों भरा।
इस बाबत इस पर रिहाई का बचाव कर रहे दोषी रमेश चंदना के वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कोर्ट को बताया कि दोष सिद्धि और सजा सुनाए जाते वक्त उनके क्लाइंट को 34 हजार रुपये जुर्माना भरने का आदेश दिया गया था। तब दोषी ने जुर्माना नहीं भरा था।
सुप्रीम कोर्ट में 2 याचिकाएं
जानकारी दें कि, बिलकिस ने इसके साथ हुए रेप के खिलाफ 30 नवंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं लगाई थी। पहली याचिका में उसने 11 दोषियों की रिहाई को चुनौती देते हुए उन्हें तुरंत वापस जेल भेजने की मांग की थी। वहीं, दूसरी याचिका में बिलकिस ने कोर्ट के मई में दिए आदेश पर फिर से विचार करने की मांग की थी, जिसमें कोर्ट ने कहा था कि दोषियों की रिहाई पर फैसला गुजरात सरकार करेगी।
तब इस मामले बाबत बिलकिस ने कहा था कि, जब केस का ट्रायल महाराष्ट्र में चला था, फिर गुजरात सरकार फैसला कैसे ले सकती है? इसके अलावा सामाजिक कार्यकर्ता सुभाषिनी अली और TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने मामले के 11 दोषियों को रिहा करने के गुजरात सरकार के आदेश को रद्द करने की भी पुरजोर मांग की थी।
क्या था मामला
बताते चलें कि, साल 2002 में गोधरा ट्रेन जलाने की घटना के बाद भड़के सांप्रदायिक दंगों के डर से भागते समय उनके साथ गैंगरेप किया गया था। तब बिलकिस बानो की उम्र 21 साल थीं। वे पांच महीने की प्रेग्नेंट भी थीं।
वहीं दंगाइयों ने बिलकिस की मां समेत 4और महिलाओं का भी रेप किया। इस दौरान हमलावरों ने बिलकिस के परिवार के 17 सदस्यों में से 7 लोगों की जघन्य हत्या कर दी थी। इनमें बिलकिस की तीन साल की एक बेटी भी थी। वहीं, 6 लोग लापता हो गए, जो आज तक नहीं मिले।
दंगाइयों के इस हमले में सिर्फ बिलकिस, 1 शख्स और 3 साल का बच्चा ही बचे थे। इस मामले में 11 लोगों को दोषी ठहराया गया था। फिर साल 15 अगस्त 2022 को गुजरात सरकार ने सभी दोषियों को जेल से नियमों का हवाला देकर रिहा कर दिया था।