नई दिल्ली: केरल विधानसभा में शुक्रवार के दिन कार्यवाही शुरू होने के 10 मिनट बाद ही शिक्षा मंत्री की तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। राज्य के सामान्य शिक्षा एवं श्रम मंत्री वी. शिवनकुट्टी शुक्रवार को राज्य विधानसभा में शून्यकाल के दौरान सवालों के जवाब दे रहे थे। इसी दौरान उन्हें स्वास्थ्य संबंधी कुछ समस्या महसूस हुई। इसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। सुबह नौ बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने के लगभग 10 मिनट बाद, शिवनकुट्टी को अचानक स्वास्थ्य संबंधी कुछ समस्याएं हुईं, जिसके बाद सत्तारूढ़ मोर्चे के कई सदस्य उनकी मदद के लिए दौड़े। इसके बाद, उन्हें सदन से अस्पताल ले जाया गया, एक विधानसभा अधिकारी ने बताया। उन्होंने आगे कहा कि अभी यह पता नहीं चल पाया है कि मंत्री को वास्तव में क्या हुआ था।
एम. बी. राजेश ने दिया जवाब
अधिकारी ने कहा, “यह गंभीर नहीं लग रहा है, लेकिन जब तक अस्पताल में उनकी जांच नहीं हो जाती, हम निश्चित रूप से नहीं जान सकते।” शिवनकुट्टी को जिन शेष प्रश्नों के उत्तर देने थे, उनका उत्तर संसदीय कार्य मंत्री एम. बी. राजेश ने दिया। केरल विधानसभा का सत्र 15 सितंबर को तिरुवनंतपुरम में शुरू हुआ था। 12 दिनों का यह सत्र मुख्य रूप से कानून बनाने पर केंद्रित है और सत्र के नौ दिन इसी के लिए समर्पित हैं। सरकार मानवीय आबादी वाले क्षेत्रों में प्रवेश करने वाले जंगली जानवरों को निष्क्रिय करने की प्रक्रियाओं को सरल बनाने के उद्देश्य से एक विधेयक भी पेश करने की योजना बना रही है।

मुख्यमंत्री ने केरल के भविष्य पर राज्यव्यापी ‘विजन 2031’ सेमिनारों की घोषणा की
केरल की वामपंथी सरकार ने गुरुवार को विजन 2031 के बैनर तले सेमिनार की घोषणा की, जिसमें राज्य के विकास के भविष्य के मार्ग पर चर्चा की जाएगी। यह आयोजन 1956 में राज्य के गठन के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में किया जा रहा है। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने एक फेसबुक पोस्ट में बताया कि बुधवार को इस अभियान के लिए एक लोगो का अनावरण किया गया। उन्होंने कहा कि इस पहल का उद्देश्य केरल की अब तक की उपलब्धियों का जायजा लेना और राज्य को दुनिया के बाकी हिस्सों की नजरों में आने लायक बनाने के लिए नई योजनाएं तैयार करना है। 1 से 30 अक्टूबर के बीच आयोजित होने वाले इन सेमिनार में सामाजिक प्रगति से लेकर आर्थिक विकास तक 33 विषयों को शामिल किया जाएगा।