आज के दौर में क्यों इतना आम हो गया है बांझपन? जानें क्या है इसके पीछे की वजह

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नई दिल्ली। बांझपन एक मेडिकल कंडिशन (बीमारी) है जहां एक दंपति कई वर्षो से अधिक समय तक प्रयास करने के बाद भी गर्भधारण करने में असमर्थ होता है. यह दुनिया भर में एक बढ़ती हुई चिंता है, जिससे लगभग 10% से 15% जोड़े प्रभावित होते है. हाल के वर्षों में बदलती जीवन शैली, पर्यावरणीय फैक्टर और देरी से बच्चे पैदा करने सहित विभिन्न फैक्टर के कारण बांझपन आम हो गया है. गर्भ निरोधकों के उपयोग ने भी बांझपन के बढ़ते मामलों में योगदान दिया है. बांझपन दर में वृद्धि के कुछ संभावित कारणों में शामिल हैं, आइए जानें क्या?

जैसे-जैसे लोग अपने जीवन में देर तक बच्चे का प्लान करते हैं, प्रजनन क्षमता कम होती जाती है. महिलाओं का जन्म सीमित संख्या में अंडों के साथ होता है और जैसे-जैसे उनकी उम्र बढ़ती है, इन अंडों की गुणवत्ता और मात्रा घटती जाती है, जिससे गर्भधारण करना अधिक कठिन हो जाता है.

खराब आहार, व्यायाम की कमी, तनाव और पर्यावरण के टॉक्सिन के संपर्क में आने से प्रजनन क्षमता (फर्सिलिटी) पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.

जेनेटिक फैक्टर भी बांझपन में भूमिका निभा सकते हैं. कुछ जेनेटिक स्थितियां पुरुषों और महिलाओं दोनों में प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे स्वाभाविक रूप से गर्भधारण करना मुश्किल हो जाता है.

कुछ मेडिकल कंडिशन और उपचार भी प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं. पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) या एंडोमेट्रियोसिस जैसी स्थितियां गर्भ धारण करने की महिला की क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं. कुछ चिकित्सा उपचार, जैसे कीमोथेरेपी, प्रजनन अंगों को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं और प्रजनन क्षमता को कम कर सकते हैं.

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