30 जनवरी को क्यों मनाया जाता है शहीद दिवस? जानें इसके पीछे का इतिहास

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नई दिल्ली : देश के राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी (Mohandas Karamchand Gandhi) और उनके कामों को कौन नहीं जानता। देश को आजादी दिलाने के कुछ समय बाद ही सबके प्यारे बापू यानी महात्मा गांधी का निधन हो गया। 30 जनवरी 1948 को शाम की प्रार्थना के बाद बिड़ला हाउस में नाथूराम गोडसे ने गांधीजी को गोली मार दी थी।

हर साल आज ही के दिन यानी 30 जनवरी को पूरे भारत में शहीद दिवस मनाया जाता है। दरअसल, महात्मा गांधी की पुण्यतिथि को ही देश शहीद दिवस (Shaheed Diwas 2023) के तौर पर मनाता है। महात्मा गांधी का देश के प्रति योगदान को देखते हुए ‘बापू’ को सम्मान देने के लिए, शहीद दिवस हर साल 30 जनवरी को मनाया जाता है।

शहीद दिवस के दिन भारत के कई बड़े राजनेता जैसे भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री समेत सभी लोग दिल्ली के राजघाट स्थित गांधी जी की समाधि स्थल पर पहुंचते हैं। जहां वो उन्हें याद करते हुए माल्यार्पण करते हैं। साथ ही देश के सशस्त्र बलों के शहीदों को भी इस दिन सलामी दी जाती है।

दो मिनट का मौन

गौरतलब है कि महात्मा गांधी सत्य, अहिंसा, सादगी के असाधारण व्यक्तित्व थे। वह भारत को एक धर्मनिरपेक्ष और एक अहिंसक राष्ट्र के रूप में बनाए रखने के प्रबल समर्थक थे। देशभर में बापू की स्मृति और शहीदों के योगदान के लिए दो मिनट का मौन रखा जाता है।

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