धर्मेंद्र प्रधान और जयंत चौधरी ने यूरोपीय आयोग की उपाध्यक्ष से की मुलाकात, रिसर्च और स्किल डेवलपमेंट पर हुई चर्चा

0 138

नई दिल्ली: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने यूरोपीय आयोग (European Commission) की उपाध्यक्ष रोक्साना मिंजातु से मुलाकात की। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने खुद यह जानकारी दी है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया मंच X पर तस्वीरें पोस्ट करते हुए लिखा है, ”अपने मंत्रिस्तरीय सहयोगी जयंत चौधरी के साथ यूरोपीय आयोग की उपाध्यक्ष (स्किल डेवलपमेंट, शिक्षा, गुणवत्तापूर्ण रोजगार और सामाजिक अधिकार) रोक्साना मिंजातु व उनके प्रतिनिधिमंडल से मिलकर प्रसन्नता हुई। मैं भारत-यूरोपीय संघ रणनीतिक साझेदारी को और अधिक सक्रिय बनाने तथा नए प्रतिमान बनाने के बारे में उनके विचारों की सराहना करता हूं।”

भारत और यूरोपीय संघ के बीच एकेडमिक, स्किल डेवलपमेंट पर बातचीत
प्रधान ने आगे लिखा है, ”हमने संभावित साझेदारी के साथ-साथ भारत और यूरोपीय संघ के बीच एकेडमिक, रिसर्च और स्किल डेवलेपमेंट पर जरूरी बातचीत की।” एक अन्य ट्वीट में केंद्रीय मंत्री ने लिखा है, ”पारस्परिक रूप से लाभकारी क्षेत्रों जैसे महत्वपूर्ण टेक्नोलॉजी, AI, छात्रों की दो-तरफा गतिशीलता को बढ़ावा देने, फैकल्टी/टीचर के आदान-प्रदान, हमारे विश्वविद्यालयों के बीच ड्यूल डिग्री कार्यक्रम के लिए शैक्षिक और कौशल संस्थानों के बीच साझेदारी बनाने की अपार संभावनाएं हैं। रोक्साना मिंजातु ने हमें यूरोपीय संघ के इरास्मस और होराइजन कार्यक्रमों के साथ-साथ यूरोपीय संघ की प्राथमिकताओं के बारे में भी जानकारी दी।”

केंद्रीय मंत्री ने आगे बताया कि यूरोपीय आयोग की उपाध्यक्ष के साथ सीखने और स्किल डेवलपमेंट में सुधार के लिए और अधिक सहयोग करने पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों ने आपसी शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट एजेंडे को आगे बढ़ाने, ज्ञान सेतुओं को मजबूत करने और शिक्षा, कौशल विकास और रिसर्च में गहन सहयोग को बढ़ावा देने के लिए निरंतर नीतिगत संवादों के लिए एक वास्तुकला बनाने पर भी सहमति व्यक्त की। मुझे विश्वास है कि आज की बैठक भारत-यूरोपीय संघ शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट साझेदारी में महत्वपूर्ण प्रगति का मार्ग प्रशस्त करेगी।

उन्होंने आगे बताया, ”हमने सीखने और कौशल के बीच की खाई को पाटने के साथ-साथ सीखने और स्किल डेवलपमेंट तंत्र में सुधार के लिए और अधिक सहयोग करने पर भी चर्चा की। दोनों पक्षों ने आपसी शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट एजेंडे को आगे बढ़ाने, ज्ञान के पुलों को मजबूत करने और शिक्षा, स्किल डेवलपमेंट, रिसर्च और नवाचार में गहन सहयोग को बढ़ावा देने पर भी सहमति व्यक्त की।” उन्होंने कहा, ”मुझे विश्वास है कि आज की बैठक भारत-यूरोपीय संघ शिक्षा और कौशल विकास साझेदारी में महत्वपूर्ण प्रगति का मार्ग प्रशस्त करेगी।”

नई शिक्षा नीति में भी स्किल डेवलपमेंट पर जोर
गौरतलब है कि नई शिक्षा नीति में भी स्किल डेवलेपमेंट पर जोर दिया गया है। गुरुवार को आयोजित हुए इंडिया टीवी स्पीड न्यूज एजुकेशन कॉन्क्लेव में देश के शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नई शिक्षा नीति से लेकर अन्य सवालों के जवाब दिए। इस दौरान उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति से शिक्षा व्यवस्था में काफी बदलाव आएगा। धर्मेंद्र प्रधान ने कोचिंग सेंटर्स के बारे में कहा कि उनके लिए गाइडलाइन दी गई है। केंद्र ने राज्यों को एडवाइजरी जारी की है। धर्मेंद्र प्रधान ने एनईपी को लेकर तमिलनाडु के सीएम स्टालिन के विरोध से जुड़े सवाल पर कहा कि तमिलनाडु के सीएम अपनी नाकामी को छिपाने के लिए नेशनल एजुकेशन पॉलिसी का विरोध कर रहे हैं। एनईपी कहता है कि पढ़ाई मातृभाषा में होनी चाहिए। क्लास 8 तक अगर होगी तो इससे बढ़िया बौद्धिक विकास होगा। एनईपी में किसी भाषा को किसी पर थोपने की बात नहीं कही गई है। वो एक काल्पनिक विरोध कर रहे हैं।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.