‘भारतीय वायुसेना हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार’…. स्थापना दिवस पर वायुसेना प्रमुख ने भरी हुंकार

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नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना बुधवार को अपना 93वां स्थापना दिवस मनाने जा रही है। इस अवसर पर वायु वायुसेना के जाबांज फाइटर पायलट्स एवं अन्य एयरफोर्स अधिकारियों को सम्मानित किया जाएगा। इनमें एयरफोर्स के वे वीर भी शामिल हैं जिन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान पर जीत हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। गाजियाबाद स्थित हिंडन एयर बेस पर होने वाले एयरफोर्स डे कार्यक्रम में दुश्मन पर बिजली बनकर टूट पड़ने वाले 97 एयर फाइटर्स को सम्मानित किया जाएगा। इससे पहले बुधवार सुबह तीनों सेनाओं के प्रमुख एवं चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे।

93वें वायुसेना दिवस की पूर्व संध्या पर वायुसेना प्रमुख, एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज के अनिश्चित वैश्विक माहौल में वायु शक्ति राष्ट्रीय सुरक्षा का निर्णायक साधन बन चुकी है। भारतीय वायुसेना हर चुनौती का सामना करने के लिए तीव्रता, सटीकता और दृढ़ संकल्प के साथ सदैव तैयार है। उन्होंने कहा कि मैं अपने सभी वायुसैनिकों को नमन करता हूं। देश की सीमाओं की रक्षा, नागरिक आबादी की सुरक्षा और सैन्य ठिकानों की सुरक्षा हमारे सर्वोच्च दायित्व हैं। हमारी प्रतिबद्धता अडिग है। राष्ट्र की सेवा में असफल न होना हमारा संकल्प है। भारतीय वायुसेना के हर अभियान में अनुशासन, तकनीकी दक्षता और सर्वोच्च पेशेवरता का परिचय मिलता है।

उन्होंने कहा, “हमारे संचालन सटीकता और अनुशासन का प्रतीक हैं। हमारे वायुसैनिक देश के आकाश के सच्चे प्रहरी हैं।” एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने विशेष रूप से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख करते हुए कहा कि यह अभियान भारतीय सशस्त्र बलों के बीच समन्वय, उच्च स्तरीय नेतृत्व और देश में विकसित स्वदेशी क्षमताओं का उत्कृष्ट उदाहरण है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर इस बात का प्रमाण है कि जब हमारे सशस्त्र बल एकजुट होते हैं, तो कोई भी चुनौती असंभव नहीं रहती। भारतीय वायुसेना ने हमेशा अपने युद्धक दायित्वों से परे जाकर देशवासियों की सेवा की है।

उन्होंने कहा कि चाहे बाढ़ राहत कार्य हों, प्राकृतिक आपदाएं हों, या विदेशी धरती से भारतीय नागरिकों की वापसी, वायुसेना सदैव सबसे पहले पहुंची है। ‘ऑपरेशन सिंधु’ और ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के दौरान हमारे वायुसैनिकों ने जो कार्य किया, वह मानवीय सेवा का सर्वोत्तम उदाहरण है। वायुसेना के पूर्व सैनिकों के प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे वायुसेना के दिग्गजों ने जो विरासत, दृष्टि और नेतृत्व हमें दिया है, वह हमारी प्रेरणा का आधार है। हम उन्हें कभी नहीं भूल सकते।

भविष्य की दिशा पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना अपनी क्षमताओं को लगातार निखारते हुए, नवाचार, प्रौद्योगिकी और आत्मनिर्भरता को अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है। हम अपनी लड़ाकू क्षमताओं को और सुदृढ़ करेंगे, और आने वाले समय में भी राष्ट्र के आकाश की रक्षा पूरी निष्ठा से करते रहेंगे। अंत में एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने देशवासियों को वायुसेना दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा, “आकाश के रक्षक होने का गौरव हमें मिला है, और हम इस जिम्मेदारी को पूरे समर्पण के साथ निभाते रहेंगे। जय हिंद।”

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