‘मेरे बयान का गलत मतलब निकाला गया’, दुर्गापुर गैंगरेप मामले पर कमेंट कर फंसी CM ममता; देनी पड़ी सफाई

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Durgapur Rape Case: पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में एक प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की एमबीबीएस छात्रा के साथ कथित गैंगरेप की घटना ने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया है। भाजपा समेत कई राजनीतिक दलों ने इस घटना को लेकर राज्य की ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधा है। घटना के बाद मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी के उस बयान ने विवाद खड़ा कर दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि निजी मेडिकल कॉलेजों से अपेक्षा की जाती है कि रात में लड़कियों को बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जाए। भाजपा ने ममता के बयान को असंवेदनशील और पीड़िता को दोषी ठहराने वाला करार दिया है। वहीं, सीएम ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आप मुझसे एक सवाल पूछते हैं और जब मैं जवाब देती हूं तो मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़कर पेश किया जाता है और संदर्भ से बाहर ले जाया जाता है।

‘मेरे साथ घटिया राजनीति न करें’
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मेरे साथ यह घटिया राजनीति न करें। दूसरों के विपरीत, मुझमें आपसे मिलने और सीधे बात करने की शालीनता है। दूसरे तो बस पहले से तय सवालों का जवाब देते हैं। इससे पहले टीएमएस प्रमुख ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर इस घटना की निंदा की। ममता बनर्जी ने लिखा कि दुर्गापुर की घटना से मैं स्तब्ध हूं।

‘किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा’
सीएम ने आगे कहा कि बंगाल में महिलाओं के खिलाफ किसी भी अपराध को अत्यंत गंभीरता से लिया जाता है। पीड़िता एक निजी मेडिकल कॉलेज की छात्रा थी। जांच जारी है और पुलिस सक्रिय रूप से इसमें शामिल सभी लोगों की तलाश कर रही है। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। दोषी पाए जाने वालों को सजा दी जाएगी। लड़की के बयान के आधार पर तीन लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।

टीएमसी का भाजपा पर पलटवार
वहीं, टीएमएसी ने ‘एक्स’ पर लिखा कि हर बार जब कोई दुर्भाग्यपूर्ण घटना सुर्खियों में आती है, भाजपा सबसे आगे होती है, कार्रवाई करने के लिए नहीं, बल्कि उसका राजनीतिकरण करने के लिए। उसे उपदेश देने और उसे नारों में ढालने के लिए। फिर भी, उनके अपने गृह मंत्रालय की एनसीआरबी 2023 रिपोर्ट ने उनके पसंदीदा झूठ का पर्दाफाश कर दिया है।

देश में पिछले साल महिलाओं के खिलाफ 4,48,211 अपराध दर्ज किए गए, जो एक दशक में सबसे ज्यादा हैं। भाजपा ‘बेटी बचाओ’ का नारा लगाने का कोई मौका नहीं छोड़ती। फिर भी, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार, जो सभी भाजपा के गढ़ हैं, बलात्कार, अपहरण, हमले और पॉक्सो मामलों में शीर्ष पर हैं।

‘कोलकाता महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित’
टीएमसी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि पश्चिम बंगाल की ममता सरकार में कोलकाता लगातार चौथे वर्ष महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित शहर के रूप में उभरा है और बंगाल न केवल आरोप-पत्र दायर करने की दरों में शीर्ष पर है, बल्कि यौन हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा के लिए अपराजिता विधेयक का भी अग्रणी रहा है, एक ऐसा विधेयक जिसे भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार अभी तक पारित नहीं कर पाई है।

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