केरल : जंगली हाथी के हमले से किसान घायल, मलप्पुरम में 7 मीटर गहरे कुएं से किया गया था गजराज का रेस्क्यू
पलक्कड़ : केरल से मिली एक खबर के अनुसार, यहां के पलक्कड़ जिले के वालयार में आज शनिवार सुबह एक जंगली हाथी ने 35 वर्षीय एक किसान का पीछा कर उस पर हमला किया। इस घटना में किसान घायल हो गया। मामले पर पुलिस के अनुसार, आबादी वाले इलाके में हाथी के प्रवेश करने के बाद ग्रामीणों के साथ विजयन ने उसे भगाने की कोशिश की। वहीं इस प्रयास के दौरान हाथी ने कथित तौर पर किसान विजयन की ओर रुख किया और उस पर हमला कर दिया। उसे यहां एक अस्पताल ले जाया गया और बाद में बेहतर उपचार के लिये पास के त्रिशूर जिले के एक अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया। पुलिस ने कहा कि उसकी हालत अब स्थिर बताई जा रही है।
जानकारी दें कि, बीते 24 जनवरी को केरल के ही मलप्पुरम जिले के उरंगत्तिरी गांव में बृहस्पतिवार को सात मीटर गहरे निजी कुएं में गिरे एक हाथी को 18 घंटे की मशक्कत के बाद बाहर निकाल कर पास के जंगल में छोड़ दिया गया था। इस बाबत वन विभाग ने बताया था कि बचाव अभियान के दौरान स्थानीय लोगों ने हाथी को जंगल में छोड़ने का विरोध किया थी। उन्होंने मांग की थी कि हाथी को बेहोश कर किसी सघन जंगल में स्थानांतरित किया जाए।
इसके बाद वन अधिकारियों ने स्थानीय लोगों को आश्वासन दिया था कि इलाके में कुंकी हाथियों (जंगली हाथियों को नियंत्रित करने के लिए प्रशिक्षित हाथी) को तैनात किया जाएगा ताकि यह हाथी वापस रिहायशी इलाके में न आए। इसके बाद स्थानीय लोगों ने अपना विरोध समाप्त कर दिया था।
वहीं दो कुंकी हाथियों को क्षेत्र में गश्त और हाथी की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए तैनात किया गया । साथ ही पुलिस और वन विभाग के कर्मी भी तैनात किए गए । वहीं लंबे समय तक कुएं में बिना भोजन के फंसे रहने के बाद हाथी को थोड़ी कमजोरी महसूस हो रही थी, लेकिन वह अब स्वस्थ है। जरूरत पड़ने पर उसे बेहोश कर पकड़ने के लिए मुख्य वन्यजीव वार्डन से अनुमति भी मिल गई थी।
इसके साथ ही बचाव अभियान के दौरान कुएं के मालिक की संपत्ति को हुए नुकसान के लिए मुआवजा देने का आश्वासन भी दिया गया था। दरअसल कुएं के मालिक और अन्य स्थानीय निवासियों ने हाथी को उसी क्षेत्र में छोड़ने का विरोध किया था। लोगों का इस बाबत कहना था कि, हाथी बार-बार फसलों को नुकसान पहुंचाने के लिए आ जाता था। वन अधिकारियों ने बाद में स्थानीय लोगों को यह भरोसा दिलाया था कि हाथी के हमले और फसलों को नुकसान से बचाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।