लिंग जांच पकड़वाने वालों को दें इनाम, अल्ट्रासाउंड सेंटर पर शिकंजा कसने के निर्देश

0 123

लखनऊ: गर्भ में पल रहे शिशु के लिंग की जांच करने वाले अल्ट्रासाउंड सेंटर पर शिकंजा कसें। लिंग की जांच करने वाले सेंटरों का पता बताने वाले लोगों को मुखबिर योजना का लाभ प्रदान किया जाए। नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के तहत मुखबिर योजना के लिए पर्याप्त बजट जारी किया गया है। प्रदेश में इसे प्रभावी तरीके से लागू किया जाए। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इसमें किसी भी तरह की लापरवाही न बरतें। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने यह निर्देश शनिवार को प्रदेश के सभी जिलों के सीएमओ को दिए।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मुखबिर योजना प्रभावी तरीके से लागू नहीं हो पा रही है। अधिकारी इसे गंभीरता से लें। ताकि गर्भ में पल रहे शिशु के लिंग का पता लगाने वाले अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अल्ट्रासाउंड का इस्तेमाल बीमारी का पता लगाने के लिए किया जाना चाहिए। गर्भस्थ शिशु के लिंग की पहचान करना अपराध है। ऐसा करने वालों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाये।

मुखबिरों को मिलेगा पुरस्कार
जनसमुदाय द्वारा सफल डिक्वॉय ऑपरेशन करवाने पर मुखबिर को 60 हजार रुपये, मिथ्या ग्राहक को एक लाख रुपये प्रदान किये जायेंगे। मिथ्या ग्राहक सहायक को 40 हजार रुपये की धनराशि पुरस्कार के रूप में तीन किश्तों में दावा करने पर स्वीकृत की जाएगी। वहीं, प्रत्येक मंडल को 25 हजार और जनपद को 50 हजार टीए-डीए प्रदान किया जाएगा।

अनदेखी पर सील करें सेंटर
डिप्टी सीएम ने निर्देश दिए कि निरीक्षण के समय यदि नियमों की अनदेखी मिलती है तो संबंधित केन्द्र की समस्त अल्ट्रासाउण्ड व गर्भधारण पूर्व अथवा प्रसव पूर्व लिंग की पहचान करने वाली सभी मशीनों को सील व सुबूतों को मूल रूप में जब्त किया जाए।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.