बीजिंग के साथ किसी भी तरह की वार्ता करना संभव नहीं; जयशकंर का दो टूक जवाब

0 35

नई दिल्‍ली (New Delhi) । भारत और चीन (India and China)के रिश्ते लंबे समय से असहज (uncomfortable)रहे हैं। गलवान घाटी संघर्ष(galwan valley clash) के बाद इसमें और तल्खी (harsh)देखने को मिली है। दोनों देशों के बीच कमांडर स्तर पर कई दौर की वार्ता हो चुकी है। इसके बावजूद कोई समाधान नहीं निकला है। इस सबके बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि चीन के साथ द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति केवल सैनिकों की पारंपरिक तैनाती होने पर ही हासिल की जा सकेगी। उन्होंने बीजिंग के साथ किसी भी तरह की वार्ता को फिलहाल खारिज कर दिया है।

जयशंकर ने मलेशिया की राजधानी में भारतीय प्रवासियों के साथ बातचीत के दौरान चीन के साथ भारत के संबंधों की मौजूदा स्थिति पर एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘‘भारतीयों के प्रति मेरा पहला कर्तव्य सीमा की सुरक्षा करना है और मैं इस संबंध में कभी समझौता नहीं कर सकता। अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध कौन नहीं चाहता है? लेकिन हर रिश्ते को किसी न किसी आधार पर स्थापित करना होता है।’’

जयशंकर ने कहा, ‘‘हम अभी भी चीन के साथ बातचीत कर रहे हैं। मैं अपने समकक्ष से बात करता हूं। हम समय-समय पर मिलते रहते हैं। हमारे सैन्य कमांडर एक-दूसरे से बातचीत करते हैं। लेकिन हमारी स्थिति बिल्कुल स्पष्ट हैं कि हमारे बीच एक समझौता था। वहां वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) है। हमारी उस रेखा पर सेना न लाने की परंपरा है। हम दोनों के सैन्य ठिकाने कुछ दूरी पर स्थित हैं, जो हमारी पारंपरिक तैनाती की जगह है। और हम वह सामान्य स्थिति चाहते हैं।’’

उन्होंने कहा कि सीमा पर सेना की तैनाती के मामले में सामान्य स्थिति चीन के साथ संबंधों को आगे बढ़ाने का आधार बनेगी। उन्होंने कहा कि चीन के मामले में, संबंध कई कारणों से मुश्किल रहे हैं, जिसमें यह तथ्य भी शामिल है कि दोनों पक्षों के बीच सीमा विवाद है। जयशंकर ने कहा, ‘‘लेकिन कई वर्षों तक सीमा विवाद के बावजूद, हमने वास्तव में महत्वपूर्ण संबंध बनाये क्योंकि हम इस बात पर सहमत हुए कि जब हम सीमा विवाद पर बातचीत करेंगे, तो हम दोनों इस बात पर सहमत होंगे कि हम बड़ी संख्या में सैनिकों की सीमा पर तैनाती नहीं करेंगे। और हमारे सामने कभी भी ऐसी स्थिति नहीं होगी जहां हिंसा और रक्तपात हो।’’

उन्होंने कहा कि यह सहमति बननी 1980 के दशक के अंत में शुरू हुई और कई समझौतों में परिलक्षित हुई। उन्होंने कहा, ‘‘अब दुर्भाग्यवश, 2020 में सीमा समझौते तोड़े गए थे, जिसके कारण अभी भी हमारे लिए स्पष्ट नहीं हैं। वास्तव में सीमा पर हिंसा और रक्तपात हुआ।’’

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.