एसिडिटी और कब्ज से छुटकारा पाने के लिए कारगर हैं ये योगासन, नियमित करें अभ्यास

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हमारी भागदौड़ भरी जीवनशैली में गैस बनने से लेकर पेट फूलने और कब्ज होने की समस्या बेहद आम हो गई है। ये एक ऐसी समस्या हो गई है, जिससे कोई भी अछूता नहीं रहा है। इस परेशानी का सबसे मुख्य कारण यह है कि व्यस्तता भरी जिंदगी में लोग इस बात का ध्यान ही नहीं रख पाते कि वे क्या खा रहे हैं और कब खा रहे हैं। भोजन में इस अनियमितता के कारण ही पेट की समस्या हो जाती है। एसिडिटी के कारण पेट फूलने लगता है साथ ही तेजी से दर्द भी शुरू हो जाता है। आजकल लोग एसिडिटी के लिए घरेलू उपाय अपनाते हैं, लेकिन आपको बता पेट की गैस के लिए नेचुरल उपाय से बेहतर और कुछ नहीं हो सकता है।

एसिडीटी के लिए योगा काफी फायदेमंद हो सकात है। कब्ज होने पर आप क्या करते हैं। दवाई लेना कब्ज का नेचुरल उपाय नहीं हो सकता है। कब्ज की समस्या किसी को भी हो सकती है। कब्ज बच्चों, बड़ों और बुजुर्गों किसी को भी हो सकती है। कब्ज के लक्षणों में पेट में दर्द होना, अपच होना, खाना खाने की इच्छा न होना शामिल हैं। कब्ज की समस्या से राहत पाने के लिए खानपान में बदलाव करने के साथ-साथ योग भी काफी फायदेमंद हो सकता है। योग ज्यादा बीमारियों को नेचुरल तरीके से ठीक करने का एक कमाल का उपाय हो सकता है।आपको बता रहे हैं कुछ योगासनों के बारे में जो एसिडिटी से तुरंत राहत देने में फायदा दे सकते हैं। जी हां, आपको जानकर हैरानी होगी कि योगासन करने से एसिडिटी की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। यह आपके पाचन पर भी प्रभाव पड़ता है। यहां जानें कौन से योगासन एसिडिटी से राहत देने में फायदेमंद हो सकते हैं।

पवनमुक्तासन एक योग क्रिया है। पवन का अर्थ है वायु और मुक्त का अर्थ है छोड़ना या मुक्त करना। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है ये आसन आपकी आंतों से वायु या वात निकालने में उपयोगी है। इस आसन के करने से कभी कब्ज की समस्या नहीं होती और पाचन में सुधार होता है। यह आसन गहरा आंतरिक दबाव डालकर आपके कुल्हे और कमर के हिस्से की मांसपेशियों, लिंगामेंट और स्नायु की जटिल समस्याओं का निदान कर उनमें कसावट लाता है।

पवनमुक्तासन योग को करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल जमीन पर लेट जाएं। सुनिश्चित करें कि आपकी दोनों हथेलियों का मुख आसमान की तरफ हो। ऐसा करने के बाग आप जिस आसन में आते हैं उसे शवासन कहा जाता है। अब अपने दाएं पैर को घुटने से मोड़ते हुए घुटने को दोनों हाथों से पकड़कर छाती की ओर लाएं। इसके बाद सिर को जमीन से ऊपर उठाने की कोशिश करते हुए अपनी नाक से घुटने का स्पर्श करें।

आप इस स्थिति में जब तक हो सके बने रहे। थोड़ी देर बाद वापस पहले वाली स्थिति में आ जाएं। इसी क्रिया को दूसरे पैर से भी करें। इसके बाद इसे दोनों पैरों से एक साथ करें। पवनमुक्तासन योग दिन में 5 से 10 बार रोजाना करने से पेट की समस्या से पूरी तरह से मुक्ति मिल जाती है।

एसिडिटी को दूर करने सबसे नेचुरल तरीका योगासन हो सकता है। इस तरीके से आप एसिडिटी से तुरंत राहत परा सकते हैं। इस योगासन में पीठ के बल आराम से लेट जाएं। इसके बाद सांस लेते हुए पैरों को जमीन से थोड़ा ऊपर उठाएं। साथ ही सिर और कंधों को भी उतनी ही हाथों को पैरों की सीध में रखेंगे और ध्यान पैर की उंगलियों पर। सांस रोक कर रखें जितनी देर रोक सकते हैं। अब धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए वापस लेट जाएं। 3-5 बार इस आसन को दोहराएं।

अर्ध मत्स्येन्द्रासन योगासन भी एसिडिटी को दूर करने के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। इसके लिए पैरों को सामने फैलाकर बैठ जाएं। बाएं पैर को घुटने से मोड़ें। उसके बाद दाएं पैर को बाएं घुटने के ऊपर से लाते हुए घुटने के पास रखें। पंजे घुटने से आगे न जाए। इसके बाद बाएं हाथ को कंधों से घुमाते हुए दाएं पैर के ऊपर से इस प्रकार लाएं कि दाएं पैर का अंगूठा पकड़ लें और दाएं हाथ को पीछे से घुमाते हुए नाभि को छूने की कोशिश करें। इसी प्रकार विपरीत दिशा में भी करें।

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