नई दिल्ली: सड़क दुर्घटनाएं सरकार के लिए हमेशा से एक गंभीर चुनौती रही हैं, खासकर दोपहिया वाहनों से जुड़ी घटनाएं। हर साल हजारों लोग ऐसी दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा देते हैं, जिनका एक मुख्य कारण हेलमेट न पहनकर बाइक चलाना है। अब सरकार ऐसे लापरवाह बाइक चालकों पर सख्ती बरतने जा रही है और बिना हेलमेट चलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रही है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) जल्द ही एक नया नोटिफिकेशन जारी करने जा रहा है, जिसके अनुसार एक जनवरी 2026 से भारत में निर्मित सभी नए दोपहिया वाहनों में, चाहे वह स्कूटर हों या मोटरसाइकिल, एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) को अनिवार्य कर दिया जाएगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह नियम इंजन की क्षमता से स्वतंत्र होगा, यानी सभी इंजन साइज वाले दोपहिया वाहनों में ABS लगाना जरूरी होगा।
पैसेंजर के लिए भी हेलमेट जरूरी
जानकारी के अनुसार, सरकार सभी दोपहिया वाहनों में एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम के साथ दो हेलमेट के नियम को सख्ती से लागू करवाने की योजना बना रही है। इसके तहत बाइक चलाने वाले के साथ पीछे बैठे व्यक्ति के लिए भी हेलमेट लगाना अनिवार्य हो जाएगा। इससे ड्राइवर के साथ पीछे बैठे पैसेंजर की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो जाती है।
क्या है एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम?
एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम सुरक्षा के लिहाज से आज के समय में बेहद जरूरी है। एबीएस एक महत्वपूर्ण सेफ्टी फीचर है, जो बाइक या किसी भी वाहन में अचानक ब्रेक लगाने पर टायर को लॉक होने से रोकता है। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि तेज ब्रेक लगाने की स्थिति में टायर न फिसलें और वाहन का संतुलन बना रहे, जिससे दुर्घटना की संभावना कम हो जाती है।
कैसे काम करता है ब्रेकिंग सिस्टम?
एबीएस में कुछ खास सेंसर और एक इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट (ECU) होती है, जो लगातार टायर की गति पर नजर रखती है। जैसे ही राइडर ब्रेक लगाता है, ये सेंसर टायर की स्पीड को मॉनिटर करते हैं। अगर कोई टायर अचानक लॉक होने की स्थिति में आता है, तो ABS उस टायर पर ब्रेक का दबाव कुछ पल के लिए कम कर देता है। जैसे ही बाइक दोबारा संतुलित होती है, सिस्टम तुरंत ब्रेक दबाव फिर से बढ़ा देता है। यह प्रक्रिया हर सेकंड में कई बार होती है, जिससे टायर फिसलने से बचते हैं और राइडर को बाइक पर पूरा नियंत्रण बना रहता है, चाहे ब्रेक कितनी भी तेजी से क्यों न लगाए गए हों।