उत्तराखंड विधानसभा चुनाव (Uttarakhand assembly elections) से पहले राज्य की सत्ताधारी बीजेपी (BJP) फूंक-फूक कदम रख रही है. राज्य के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत (Harak Singh Rawat) प्रकरण के बाद बीजेपी को लगा रहा है कि टिकट वितरण के बाद पार्टी के कई नेता बागी हो सकते हैं. लिहाजा इससे पहले ही बीजेपी बागियों और नाराज नेताओं को मनाने की तैयारी में है. जानकारी के मुताबिक पार्टी टिकट नहीं मिलने पर हर विधानसभा क्षेत्र में बगावत के संभावित चेहरों की पहचान कर रही है और इसके लिए सभी विधानसभा क्षेत्रों के प्रभारियों को ऐसे लोगों की सूची तैयार कर एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है. ताकि उनका नाराजगी को खत्म किया जा सके.
दरअसल बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रविवार को गढ़वाल मंडल के 41 विधानसभा क्षेत्रों के लिए बनाए गए जिला एवं विधानसभा प्रभारियों, प्रभारियों, जिला प्रवासियों और सहायक प्रवासियों के साथ बैठक की. इस बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई है कि जिनको टिकट नहीं मिलेगा. उनकी नाराजगी को किस तरह से खत्म किया जाए. ताकि चुनाव में पार्टी को नुकसान न हो. पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि विधानसभा चुनाव के लिए बहुत कम समय बचा है और इसलिए अगले कुछ दिन काफी महत्वपूर्ण हैं. लिहाजा स्थानीय स्तर पर ऐसे नेताओं की सूची तैयार की जाए. जो नाराज हो सकते हैं या फिर बागी रूख अपना सकते हैं.
असल में पिछले दिनों राज्य में हुए हरक सिंह रावत प्रकरण के बाद पार्टी अलर्ट हो गई है. पार्टी का मानना है कि नेता अपने और परिवार के लिए टिकट मांग रहे हैं और टिकट नहीं मिलने की स्थिति में वह बागी हो सकते हैं. असल में राज्य के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत अपनी पत्नी के लिए भी टिकट मांग रहे थे. जबकि पार्टी ने एक परिवार और एक टिकट का नियम लागू किया है. ऐसे में हरक की बहू को टिकट मिलना मुश्किल है. लेकिन हरक ने इस्तीफे का ऐलान कर पार्टी पर दबाव बनाया है.