महाराष्ट्र: नासिक में फिर गहराया ‘जल संकट’, पानी के लिए 2 K.M पैदल चलने को मजबूर महिलाएं

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नई दिल्ली/नासिक. वैसे तो इस समय महाराष्ट्र (Maharashtra) में अप्रैल की गर्मी के बीच बारिश का माहौल है, लेकिन वहीं नासिक (Nasik) में हर साल की तरह इस बार भी गर्मी के दिनों में लोगों को पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है। दरअसल इस समय नासिक के अलग-अलग इलाकों में इन दिनों जल संकट गहराया हुआ है। लोगों को पानी लाने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है। स्थानीय लोग सरकार से पानी की सुविधा मुहैया करवाने की मांग कर रहे हैं। पीने का पानी लोगों को काफी मुश्किलों से मिल पा रहा है।

इसका सबूत है बोरधापाड़ा गांव के जनजातीय लोग, जो आजादी के इतने सालों बाद भी पीने की पानी के लिए 2 किमी पैदल चलने को मजबूर हैं। यहां के लोगों का कहना है कि, बीते एक महीने से गांव में पानी नहीं है। पानी के लिए लोगों को करीब 2 किलोमीटर तक जाना पड़ रहा है। गांव के लोगों ने सरकार से पानी और सड़क की मांग की है

दरअसल नासिक में जल संकट के बीच बोरधापाड़ा गांव के जनजातीय लोग कुएं से पानी लाने के लिए 2 किमी पैदल चलकर पानी ला रहे हैं।इस बाबत एक स्थानीय महिला ने बताया कि, “हमारे गांव में 2 कुंए हैं लेकिन वो सुख गए हैं इसलिए हमें पहाड़ी के नीचे से पानी लाना पड़ रहा है जो कि 2 किमी दूर है। हम 2 किमी पैदल चलकर पानी लाते हैं और इस दौरान कई महिलाओं को बहुत चोटें लग रही हैं। हमारी प्रशासन से मांग है कि हमें पानी की सुविधा जल्द से जल्द दें।”

बता दें कि, बीते साल 2022 में भूजल सर्वेक्षण और विकास एजेंसी के सर्वेक्षण में पता चला था कि पुणे, नासिक, धुले, जलगांव, नंदुरबार और अमरावती जिलों के 15 ब्लॉकों के 213 गांवों को अप्रैल से पेयजल की कमी का सामना करना पड़ सकता है। वहीं इन गांवों में पिछले पांच वर्षों में सितंबर में औसत जल स्तर की तुलना में पिछले साल सितंबर में भूजल स्तर में 1-2 मीटर की गिरावट देखी गई थी। इसके अलावा, यहां 2021 में मानसून में 20% से अधिक की वर्षा की कमी भी थी। ऐसे में यहां के स्थानीय लोगों का परेशान होना लाजमी है।

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