योगी सरकार लेकर आई है यह नया कानून, बीमा से लेकर मुआवजा देने का भी है प्रावधान

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वाराणसी: योगी सरकार ने करोड़ों लोगों के जीवन से जुड़े एक महत्वपूर्ण कानून को विधानसभा से पास करा दिया है. अगले कुछ दिनों में इस विधेयक की अधिसूचना जारी होने के बाद पूरे राज्य में यह कानून लागू हो जाएगा. खासतौर पर दिल्ली-एनसीआर के शहर नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद के साथ-साथ कानपुर, वाराणसी और लखनऊ जैसे शहरों में रहने वाले करोड़ों लोगों को इस नए कानून से लाभ मिलेगा. इस कानून के लागू हो जाने के बाद आम लोगों को बेहतर सुरक्षा, दुर्घटना होने पर मुआवजा के साथ अन्य तरह की सेवाएं मिल सकेंगी. बता दें कि योगी सरकार नया लिफ्ट एक्ट (Lift Act) लेकर आई है. इस एक्ट में आम उपभोक्ताओं की सुरक्षा को लेकर कई प्रावधान किए गए हैं.

इस विधेयक के आने के बाद खासकर गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, जेवर एयरपोर्ट के आस-पास जगहों या फिर बुलंदशहर के नजदीक बसने जा रहे नए ‘न्यू नोएडा’ के लोगों को काफी फायदा पहुंचेगा. इन जगहों के लोगों को अब मकान, दुकान, फ्लैट, सोसाइटी और मॉल में लिफ्ट में चढ़ने पर जीवन की सुरक्षा की गारंटी मिलेगी. अगर किसी भी तरह का कोई हादसा होता है तो परिवार के लोगों को बीमा का लाभ मिलेगा.

इस बिल की 20 बड़ी बातें

सोसाइटी में लगे पुरानी लिफ्ट में भी यह कानून लागू होगा.
लिफ्ट संचालकों को 30 महीने के अंदर तकनीकी संसाधन जुटाने होंगे.
लिफ्ट और एस्कलेटर में आटो रेस्क्यू डिवाइस लगाना अनिवार्य होगा.
इंमरजेंसी घंटी, पर्याप्त रोशनी, सीसीटीवी कैमरे और टेलिफोन लगाना भी अनिवार्य.
लिफ्ट में ऑपरेटर का नंबर और इमरजेंसी काल नंबर लिफ्ट के अंदर मोटे-मोटे अक्षरों में लिखना अनिवार्य.
लिफ्ट आपरेटर रखना होगा अनिवार्य
लिफ्ट संचालक या मालिक साल में दो बार मेंटेनेंस नहीं कराएंगे तो लाइसेंस हो जाएगा रद्द.
निजी और सार्वजनिक स्थलों पर लिफ्ट या एस्कलेटर इस्तेमाल करने वालों का कराना होगा बीमा
लिफ्ट लगाने वाले बिल्डरों, मालिकों को ही कराना होगा बीमा
दुर्घटना होने पर मालिक को देना होगा तय मुआवजा.
मुआवजा देने में देरी होने पर सरकार उसके राजस्व की वसूली बकाये की तरह करेगी.
लिफ्ट और एस्कलेटर अधिनियम 2024 लागू होने के 6 महीने के अंदर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य.
किसी भी तरह का हादसा होने की सूचना थाने को 24 घंटे के अंदर देनी होगी.
जिलाधिकारी के द्वारा विद्युत निरीक्षक और कार्यकारी मजिस्ट्रेट द्वारा जांच कराई जाएगी.
लिफ्ट लगाने में गड़बड़ी की शिकायत पर सीधे मजिस्ट्रेट नोटिस देंगे.
लिफ्ट लगाने से संबंधित अधिकारी को देनी होगी सूचना.
सार्वजनिक स्थानों लिफ्टपर लगने वाली लिफ्ट को दिव्यांगजनों के अनुकूल करना होगा.
लिफ्ट खराब होने की स्थिति में निर्धारित समय सीमा में ठीक नहीं किया गया तो संचालन बंद कर दिया जाएगा.
लिफ्ट लगाने से पहले राज्य सरकार की ओर से नियुक्त अधिकारी को सूचना देनी होगी.
सरकारी ऑफिस और मॉल में लागू होगा यह नया कानून.
गौरतलब है कि पहले यूपी में लिफ्ट हादसों को लेकर कोई कानून नहीं था. पूरे उत्तर प्रदेश में लिफ्ट हादसा ‘अंधा कानून’ की तरह ही काम करता था. इसके आने के बाद अब दिल्ली-एनसीआर के जीडीए, नोएडा अथॉरिटी, नगर निगम, मार्केट कॉम्पलेक्स समेत हजारों सरकारी कार्यालयों भी इस ऐक्ट के दायरे में आएंगी. दिल्ली-एनसीआर में आने वाले यूपी के पुराने शहर गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा के साथ-साथ न्यू नोएडा और बुलंदशहर के कई हिस्सों में भी इस कानून के लागू होने पर फायदा पहुंचेगा.

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