ओमीक्रॉन की वजह से फरवरी में आएगी कोरोना की तीसरी लहर

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कोरोना का नया वेरिएंट ओमीक्रॉन (Omicron) कोरोना की तीसरी लहर (Corona Third Wave) की वजह बनेगा. तीसरी लहर फरवरी महीने में चरम पर पहुंचेगी. इस दौरान भारत में हर रोज एक से डेढ़ लाख लोख संक्रमित होंगे. यह दावा आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल (Manindra Agrawal) ने  अपने गणितीय मॉडल के आधार पर  किया है.

मणीन्द्र अग्रवाल ने अपनी स्टडी में दावा किया है कि ओमीक्रॉन वेरिएंट की वजह से भारत में कोरोना की तीसरी लहर की शुरुआत जनवरी में होगी और यह फरवरी तक अपने चरम पर पहुंचेगी. हालांकि उन्होंने यह भी दावा किया है कि इसका संक्रमण बहुत सौम्य होगा. इसलिए घबराने की कोई जरूरत नहीं है. पद्मश्री प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल ने अपनी गणना से कोरोना की पहली और दूसरी लहर का अनुमान भी जताया था. वह सही साबित हुआ था. फिलहाल वे आईआईटी कानपुर में कंप्यूटर साइंस विभाग में फैकल्टी हैं. अपने जिस गणितीय मॉडल के आधार पर उन्होंन पहली और दूसरी लहर का अनुमान जताया था, उसी मॉडल के आधार पर उन्होंने कोरोना की तीसरी लहर का अनुमान भी जताया है. उनके मुताबिक तीसरी लहर  जनवरी के पहले हफ्ते में आएगी और फरवरी तक चरम पर पहुंच जाएगी.

आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञ मणीन्द्र अग्रवाल का दावा है कि ओमीक्रॉन सौम्य असर वाला वेरिएंट है और ज्यादा घातक नहीं है, फिर भी सतर्कता बरतने की जरूरत है. उन्होंने यह भी कहा कि जब यह पीक पर होगा तो इसे नियंत्रित करने के लिए हल्का लॉकडाउन या नाइट कर्फ्यू जैसी व्यवस्था करने की ज़रूरत पड़ सकती है. उन्होंने यह भी कहा कि जिन लोगों को एक बार कोरोना हो चुका है, उन्हें ज्यादा घबराने की ज़रुरत नहीं है. यह उन्हें कम संक्रमित करेगा.

प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल का कहना है कि  जिन लोगों को एक बार कोरोना हो चुका है उनके अंदर एक अच्छी नेचुरल इम्यूनिटी विकसित हो चुकी है. ऐसे लोगों को कोरोना का नया ओमीक्रॉन वेरिएंट अब तक पास नहीं कर सका है. उन्होंने कहा कि ओमीक्रॉन वेरिएंट की वजह से आने वाली कोरोना की तीसरी लहर दूसरी लहर की तरह खतरनाक नहीं होगी. ओमीक्रॉन वेरिएंट डेल्टा वेरिएंट के मुकाबले माइल्ड है. डेल्टा वेरिएंट के मुकाबले ओमीक्रॉन संक्रमण की दर एक तिहाई रहेगी. उपाय के तौर पर उन्होंने बताया कि मास वैक्सीनेशन की वजह से तीसरी लहर कमज़ोर पड़ जाएगी. इसलिए जिन लोगों ने वैक्सीनेशन नहीं करवाया है, उन्हें जल्दी से जल्दी अपना वैक्सीनेशन करवा लेना चाहिए.

उन्होंने यह भी दावा किया कि बच्चों पर इसका घातक असर होने की आशंका निराधार है. बच्चों की इम्यूनिटी इसे रोकने में कामयाब हो सकेगी. जिन लोगों को कोरोना हो चुका है या जिन लोगों ने वैक्सीनेशन करवाया हुआ है, उनपर ओमीक्रॉन का संक्रमण हुआ भी तो जान का खतरा ना के बराबर होगा. ओमीक्रॉन से बचने के लिए वैक्सीन की दोनों डोज, मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग ही सबसे बेहतर उपाय साबित होंंगे

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