लखनऊ। उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान का 46वां स्थापना दिवस समारोह शुक्रवार को आयोजित हुआ। इसमें वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. राम कठिन सिंह, कथाकार डॉ. सुधाकर अदीब व संस्थान के निदेशक आरपी सिंह ने सभी श्रेणियों के कुल 70 साहित्यकारों को सम्मानित किया। 26 वर्षों के अनवरत लेखन से रचित महाकाव्य विधा की पुस्तक ‘अथर्वा, मैं वही वन हूं’ के लिए भोपाल के आनंद कुमार सिंह को ‘तुलसी पुरस्कार’ दिया गया। कविता संग्रह ‘राम धरा पर पुन: पधारो’ के लिए शंकर सिंह को श्रीधर पाठक पुरस्कार से नवाजा गया। नाटक विधा की रचना ‘कालपुरुष क्रांतिकारी वीर सावरकर’ के लिए गाजियाबाद के साहित्यकार जयवर्धन जेपी को भारतेंदु हरिश्चन्द नामित पुरस्कार मिला।
यात्रा वृतांत विधा में पुस्तक ‘सपनों का शहर सैन फ्रांसिस्को’ के लिए नोएडा की साहित्यकार जयश्री पुरवार को अज्ञेय नामित पुरस्कार मिला। उपन्यास विधा में ‘कंथा’ पुस्तक के लिए वाराणसी के साहित्यकार श्याम बिहारी श्यामल को प्रेमचंद पुरस्कार दिया गया। बाल साहित्य विधा की पुस्तक ‘मां कह एक कहानी’ के लिए गाजियाबाद की साहित्यकार श्रद्धा पांडेय को सूर पुरस्कार से नवाजा गया। इतिहास विधा की पुस्तक ‘सियासत का सबक’ के लेखक यूपी के पूर्व डीजीपी और भाजपा सांसद बृजलाल को आचार्य नरेन्द्र देव पुरस्कार मिला।
पत्रकारिता विधा की पुस्तक ‘क्रोनोलॉजी इन कोविडटून्स’ के लिए लखनऊ के पत्रकार हरिमोहन बाजपेयी ‘माधव’ को धर्मवीर भारती सर्जना पुरस्कार से नवाजा गया। कहानी संग्रह विधा की पुस्तक ‘अनुभव के बोल’ के लिए लखनऊ के रामजी भाई को यशपाल पुरस्कार मिला। इसमें 51 कहानियों का संग्रह है।
2021 के नामित पुरस्कारों में आनंद कुमार सिंह भोपाल, शंकर जी सिंह बलिया, जसवीर सिंह हलधर देहरादून, जयवर्धन गाजियाबाद, रामजी भाई लखनऊ, जयश्री पुरवार नोएडा, आसराम जागरथ अयोध्या, प्रताप नारायण दुबे प्रताप झांसी, डॉ. अम्बिकेश त्रिपाठी प्रतापगढ़, नरेंद्र नाथ मिश्र वाराणसी, विष्णु सक्सेना गाजियाबाद, युवा गीतकार कुमार ललित आगरा, प्रो. विनय शर्मा आगरा, श्याम बिहारी श्यामल वाराणसी, करुणा शंकर उपाध्याय मुंबई, राजगोपाल सिंह वर्मा आगरा, महेश चंद्र जैन ज्योति मथुरा, श्रद्धा पांडेय गाजियाबाद, ब्रज भूषण राय ब्रज गोरखपुर, सोमनाथ शुक्ल सुल्तानपुर, रामजी मिश्रा प्रयागराज, मन्नू यादव कृष्ण मिर्जापुर, डॉ. विनोद कुमार शर्मा लखनऊ, सुबोध कुमार गौतमबुद्ध नगर, बृजलाल लखनऊ, कुंवर अनुपम सिंह लखनऊ, अंकुर मिश्रा कानपुर, रजनीश कुमार शुक्ल वर्धा, डॉ. वंदना वशिष्ट हापुड़, राजा भैया गुप्ता राजाभ लखनऊ, डॉ. श्रीधर द्विवेदी नोएडा, अशोक कुमारी संत रविदासनगर, रुमाल सिंह बुलंदशहर, डॉ. चंपा सिंह वाराणसी को 75000 रुपये की पुरस्कार राशि, शॉल व प्रशस्ति पत्र दिया गया।
सर्जना पुरस्कारों में उमाशंकर गुप्ता कानपुर, प्रवीण कुमार मेरठ, चंद्रभान कुमार वाराणसी, विनोद शंकर शुक्ला विनोद लखनऊ, कमल किशोर कमल मानव शाहजहांपुर, रामअवतार गाजीपुर, अरुण कुमार एवं एलके कांतेश कानपुर, सुभाष चंद्र गांगुली प्रयागराज, संजय सिंह गाजियाबाद, निर्मला सिंह निर्मल लखनऊ, तेजवीर सिंह तेज मथुरा, कृष्ण मोहन नायक महोबा, अरविंद पांडे चंदौली, हरिमोहन वाजपेई माधव लखनऊ, रामजन्म सिंह गोरखपुर, राधिका मिश्रा प्रयागराज, आलोक कुमार श्रीवास्तव लखनऊ, समति सक्सेना लाल दिल्ली, प्रेमचंद सिंह कुशीनगर, राजमणि शर्मा वाराणसी, दयाराम मौर्य प्रतापगढ़, संजीव कुमार त्यागी गाजीपुर, रमेश चंद गोयल बुलंदशहर, पद्मनाभ पांडे लखनऊ, कृष्ण बिहारी त्रिपाठी कानपुर, शशि प्रभा तिवारी दिल्ली, इसपाक अली बेंगलुरु, जया द्विवेदी प्रयागराज, कृष्ण कुमार पांडेय गोरखपुर, विजय सिंह राघव बरेली, अरुण कुमार मानव मेरठ, डॉ. मंजरी दमेले झांसी एवं कमलेश गुप्ता झांसी, अकबाल बहादुर राही बाराबंकी, नीतू मुकुल महोबा को 40 हजार रुपये पुरस्कार राशि, शॉल व प्रशस्ति पत्र दिया गया।
समारोह से कुछ नामित साहित्यकार खराब स्वास्थ्य व मौसम के चलते अनुपस्थित रहे। इनमें आगरा की साहित्यकार प्रो. बीना शर्मा, गौतमबुद्ध नगर के सुबोध कुमार, नोएडा के श्रीधर द्विवेदी, वर्धा के रजनीश कुमार शुक्ल, बेंगलूरू के डॉ. इसपाक अली व मेरठ के अरुण कुमार मानव थे।