Baggers Reality in India: ये जो रोड पर भीख मांगतें हैं क्या सच में ये भिखारी हैं या इसके पीछे है किसी बड़े गिरोह का हाथ, जानिए पूरी सच्चाई

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Baggers Reality in India:भीख मांगना यूं तो क़ानूनन जुर्म है, लेकिन भीख अगर मजबूरी में मांगी जा रही है तो ऐसे व्यक्ति के प्रति सहानुभूति पूर्वक सोचने और उसके पुनर्वास के लिए काम करने की ज़रूरत है, लेकिन अगर भीख मांगना धंधा बन जाए तो भिखारी, उसे प्रश्रय देने वाली व्यवस्था और इस व्यवस्था को बने रहने देने वाली सरकार सभी को कठघरे में खड़े करने की ज़रूरत है। सवाल पूछने की ज़रूरत है।

आत्म निर्भर भारत , बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ , लोकल to वोकल यह सरकार के जरिये देश के तरक्की के गयी तमाम योजना थी. लेकिन गरीबी लेकिन सरकार देश की गरीबी पर अभी भी मौन साधे हुई है । और उससे ज्यादा एक तबका जिसको तो सरकार देख कर मुंहु फेर लेती है , हम बात कर रहे भिखारिंयो की . जब भी आप भिखारियो का नाम सुनते है तो आपको सोचते होगें ये पैसा मांग कर या खाना मागंकर अपना गुजारा करते है । लेकिन भिखारियों के ऐसे कई पहलू है जिसके बारे में आपको जानकारी नही होगी ।

देश में इतनी भारी सख्यां में भिखारी है अगर बनारस के खाट पर आप पर उतरें तो आपको इनका एक बड़ा समूह घेर लेगा और तब तक नहीं छोड़ेगा जब तक आप उन्हें कुछ दान में नहीं दें देगें .ऐसी कितनी पवित्र जगह है जहां भिखारी आने जाने टूरिस्ट को परेशान कर देते है। लेकिन इनको देखकर कई सवाल उठते है ।

1- भारत के अन्दर बच्चे भीख मागनें वाले बच्चो की सख्या इतनी ज्यादा क्यों है । क्या भींख मागंवाने के लिए बच्चो कि तसकरी कि जा रही है ।
2-क्या सब भिखारी अपनी मर्जी से भिख मांगते है ?
3-क्या देश में बड़ी मात्रा में भिखारी माफिया सक्रिय है ?
4-और बड़े शहरो के रेड लाइट पर जो भिखारी होते है , वो हर रेड लाइट पर अलग -अलग कैसे बैठते है , इसको तय कौन करता है
5-और क्या सच में देश का भिखारी लाचार है ?
6- सरकार इनके लिए क्या कदम उठा रही है ।

ये सवाल बड़े है जो देश की समस्या से भी बड़े अहम है , लेकिन ना इस समस्या पर ना आप लोग ध्यान देते नाहि सरकार ने इस पर कोई बड़ा रुख अपनाया है आप हम आपको इन सभी सवालो के जबाब के साथ इस तबके की असली सच्चाई तक पहुंचाने कि कोशिश करेंगे

सबसे पहले में आपको कुछ बड़े शहरों का डेटा दे दुं कि कितने भिखारी वहां Active है ।

केंद्रीय मंत्री द्वारा लोकसभा में पेश किए गए डाटा के अनुसार पश्चिम बंगाल में कुल 81224 भिखारी हैं, इनमें 33086 पुरुष और 48158 महिलाएं हैं। उत्तर प्रदेश में कुल में 65838 भिखारी हैं, इनमें 41859 पुरुष और 23976 महिलाएं है। वहीं बिहार में 29723 भिखारी हैं, इनमें 14842 पुरुष और 14881 महिलाएं है। सबसे कम भिखारियों की संख्या लक्षद्वीप में है। लक्षद्वीप में केवल 2 भिखारी हैं। इतकी ही नहीं संसद में पेश किए गए इस रिपोर्ट में असम, मणिपुर और पश्चिम बंगाल में महिला भिखारियों की संख्या पुरुषों से ज्यादा है।

पश्चिम बंगाल में भिखारियों की संख्या सबसे अधिक है, दूसरे नंबर पर यूपी और तीसरे नंबर पर बिहार है
लक्षद्वीप में सिर्फ 2 ही भिखारी हैं जबकि मिजोरम में 53 लोग भीख मांगते हैं
समाज कल्याण मंत्रालय ने लोकसभा में एक प्रश्न के जवाब में यह आंकड़े दिए
पर्वतीय प्रदेशों में भी भिखारियों की संख्या अधिक नहीं है

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बनारस में भिक्षावृत्ति को रोजगार में बदल चुके निठल्ले लोगों की तादाद करीब 10 हजार है। लॉकडाउन के समय जो भिखारी लापता हो गए, वह अब फिर लौट आए हैं। शहर में आतंक का पर्याय बने भिखारियों में बच्चों की तादाद करीब 3500 है। ऐसे प्रौढ़ भिखारियों की संख्या करीब चार हजार है, जो काम करने में पूरी तरह सक्षम हैं, लेकिन निठल्लागीरी छोड़ने के लिए कतई तैयार नहीं है। बनारस में ऐसे पर्यटकों की तादाद करीब तीन लाख से अधिक होती है जिन्हें भिखारी अपना निशाना बनाते हैं और उनसे रुपये मांगने के साथ छीना-झपटी पर उतर आते हैं।

हमारे देश में भिखारी माफिया सक्रिय है । भीख हिन्दुस्तान में एक बहुत बड़ा business है । ये जो गली गली सड़कों चौक चौराहों रेल बस में भीख मांगते फिरते हैं और दिल्ली जैसे बड़े शहरों में ये जो हर शनिवार तेल और पैसे मांगते शनिदेव हैं ये सब उस भीख माफिया के हिस्से हैं । ये सारा बिज़नस एक माफिया गिरोह control करता है । भिखारी सारा दिन में जो भीख एकत्र करता है उसका एक बड़ा हिस्सा यानि की 50% से ज़्यादा माफिया ले लेता है और उसमे प्रशासन और पुलिस तक पैसा जाता है । ये जो भारतीय रेल में नकली हिजड़े पैसे मांगते हैं वो भी RPF , GRP और स्थानीय पुलिस के संरक्षण में होता है और एक हिजड़े से कम से कम 200 रु ( route पे निर्भर करता है । दिल्ली अमृतसर रूट पे 500 रु ) GRP लेती है ।
भिखारी माफिया को अपना धंदा चलाने के लिए नित नयी workforce की ज़रूरत होती है क्योंकि एक भिखारी की active professional life बहुत छोटी होती है और वो बहुत जल्दी drug addiction से मर जाते हैं ।
भिखारी माफिया का एक बहुत महत्वपूर्ण wing है बच्चे चोरी करने वाला गिरोह । ये पूरे देश में सक्रीय हैं और कहीं से भी पलक झपकते आपका बच्चा चुरा लेते हैं । पिछले दिनों मुम्बई के एक रेलवे स्टेशन से एक सोती हुई महिला के बगल से एक बच्ची चुराने का वीडियो सामने आया और जब पूरे देश में बवाल मचा तो 4 दिन बाद वो बच्चा चोर बच्ची के साथ हरिद्वार में पकड़ाया ।
भिखारी माफिया हमारे इन मासूम बच्चों को बदसूरत बना के इनसे भीख मंगवाता है । कई बार इनके हाथ पैर surgically काट दिए जाते हैं ……. इनकी आँखें फोड़ दी जाती हैं ……. इनके चेहरे बिगाड़ दिए जाते हैं जिस से कि आपको इनपे दया आये और आप इन्हें भीख दें । मैंने अपनी ज़िन्दगी में कभी किसी भिखारी को भीख नहीं दी क्योंकि मैं जानता हूँ की मेरे दिए रूपये में से 50 पैसा माफिया की जेब में जाएगा ।

 

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रिपोर्ट: शिवी अग्रवाल

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