अमालकी एकादशी आज, करें ये उपाय, भगवान विष्‍णु की बरसेगी कृपा

0 67

नई दिल्‍ली : इस बार अमालकी एकादशी 2 मार्च से शुरु होकर 3 मार्च तक रहेगी. ये फाल्गुन मास (Phalgun month) में पड़ने वाली दूसरी एकादशी है. इस दिन उदयातिथि के अनुसार इस बार व्रत 3 मार्च को रखा जाएगा. लेकिन एकादशी की तिथि 2 मार्च रहेगी. इस बार एकादशी का 2 मार्च , यानि गुरुवार के दिन पड़ रही है. ऐसा अद्भुत संयोग कम पड़ता है जब एकादशी की तिथि गुरुवार पड़े. आपको बता दें कि गुरुवार का दिन विष्णु भगवान की पूजा (worship of god) के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है और इस दिन ये व्रत पड़ने से इसका महत्व और ज्यादा बढ़ गया है.

आमलकी एकादशी 2023 मुहूर्त
फाल्गुन शुक्ल आमलकी एकादशी तिथि शुरू – 2 मार्च 2023, सुबह 6.39
फाल्गुन शुक्ल आमलकी एकादशी तिथि समाप्त – 3 मार्च 2023, सुबह 9.12

आमलकी एकादशी व्रत पारण समय – सुबह 06.48 – सुबह 09.09 (4 मार्च 2023)
आपको बता दें कि आमलकी एकादशी का व्रत 3 मार्च को रखा जाएगा. इस दिन पूरे भक्ति-भाव के साथ विष्णु जी की आराधना करें और व्रत रखें. आमलकी एकादशी व्रत के प्रभाव से साधक जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति पाकर विष्णु लोक को प्राप्त होता है. इस व्रत को रखने के बेहद लाभ है.

जीवनसाथी के मन की इच्छा पूर्ति के लिए आपको आंवले के पेड़ के तने पर सात बार सूत का धागा लपेटना चाहिए साथ ही पेड़ के पास घी का दीपक जलाना चाहिए. अच्छी सेहत के लिए तो आपको आंवले की पूजा करके आंवले के फल का दान करना चाहिए.

ऑफिस में आपके विपरीत ना बनें उसके लिए आपको आंवले के पेड़ में जल चढ़ाना चाहिए और आंवले की जड़ की थोड़ी-सी मिट्टी लेकर माथे पर तिलक लगाना चाहिए.

पढ़ाई के क्षेत्र में उन्नति प्राप्त करने के लिए आपको दूध में केसर और चीनी डालकर भगवान विष्णु को भोग लगाना चाहिए. साथ ही भगवान का आशीर्वाद लेकर एक विद्या यंत्र धारण करना चाहिए.

पारिवारिक संबंधों को बेहतर बनाने के लिए श्री विष्णु भगवान के मंत्र का 108 बार जप करना चाहिए. मंत्र है-‘ऊँ नमो भगवते नारायणाय’. संतान सुख के लिए 11 छोटे बच्चों को आंवले की कैंडी या आंवले का मुरब्बा खाने के लिये देना चाहिए.

विवाह में देरी हो रही हो तो सुबह स्नान आदि के बाद आंवले के वृक्ष के पास जाकर भूमि पर गोबर का लेप बनाकर कलश स्थापित करें , पांच आंवले के पत्ते रखें और कलश पर चंदन का लेप करके कलश को लाल या पीले रंग के कपड़े से ढक्कर, उस पर श्री विष्णु भगवान की मूर्ति या तस्वीर रखकर धूप-दीप करें. अगले दिन सभी सामग्री को बहते जल में प्रवाहित करें.

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.