तबाही की चपेट में गाज़ा, अब तक 55 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनियों की मौत, इजराइल को दो बंधकों के शव मिले
गाजा: इजराइल और हमास के बीच करीब 20 महीने से भीषण युद्ध चल रहा है। इस भीषण युद्ध के कारण गाजा में भयावह तबाही मची है। इस युद्ध की वजह से अब तक कुल 55,000 फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है। मारे गए लोगों में अधिकतर महिलाएं और बच्चे हैं। वहीं, इजराइल को दो बंधकों के शव मिले हैं। गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है। मंत्रालय ने दावा किया है कि पिछले 20 महीने से चल रहे भीषण युद्ध के कारण हजारों लोगों की मौत हुई है। इसमें सबसे ज्यादा महिलाओं और बच्चों की मौत हुई है। वहीं, इजराइल ने दावा किया है कि उनका निशाना सिर्फ आतंकवादी है, क्योंकि हमास के लड़ाके आम आबादी वाले इलाके में छिपकर रहते हैं, इसकी वजह से आम लोग भी मारे जाते हैं।
एक लाख से ज्यादा लोग घायल
मंत्रालय ने बताया कि युद्ध के कारण अब तक 55,104 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 1,27,394 लोग घायल बताए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि मलबे और दूरदराज के इलाकों में अब भी कई लोग दबे हो सकते हैं। गाज़ा का स्वास्थ्य मंत्रालय, जो हमास सरकार के अंतर्गत आता है, नियमित रूप से आंकड़े जारी करता है। हालांकि, यहां काम कर रहे डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी पेशेवर हैं और वे आंकड़ों को प्रमाणिकता के साथ साझा करते हैं। इजराइल ने इन आंकड़ों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं।
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने जानकारी दी है कि सेना ने गाज़ा से दो बंधकों के शव बरामद किए हैं। इनमें से एक की पहचान याइर याकोव के रूप में हुई है, जो 7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले में मारे गए थे और उनका शव गाज़ा ले जाया गया था। दूसरे बंधक की पहचान फिलहाल सार्वजनिक नहीं की गई है। इजराइली रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने बताया कि यह एक जटिल सैन्य अभियान के तहत किया गया, हालांकि ऑपरेशन से जुड़ी विस्तृत जानकारी साझा नहीं की गई।
गाजा में भूखमरी के हालात- यूएन
इजराइल ने पिछले दो महीने से गाजा में घुसने वाले सभी रास्तों को बंद कर दिया है। इसके चलते गाजा में किसी भी प्रकार की सहायता भेज पाना मुश्किल हो गया है। संयुक्त राष्ट्र और सहायता एजेंसियों ने कहा है कि भोजन पहुंचाने में भारी दिक्कतें आ रही हैं क्योंकि इजराइल की पाबंदियां, कानून व्यवस्था की खराब स्थिति और लूटपाट से हालात बिगड़ रहे हैं। इससे गाजा में भूखमरी की आशंका बढ़ गई है।