नई दिल्ली: अगर आप अमेरिका में नौकरी की तलाश कर रहे हैं, तो आपके लिए एक महत्वपूर्ण अपडेट है। अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा विभाग (USCIS) ने वर्ष 2026 के लिए एच-1बी वीजा आवेदन प्रक्रिया की तिथियों की घोषणा कर दी है। अमेरिका में H-1B वीजा के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया 7 मार्च 2025 से शुरू होने जा रही है और यह 24 मार्च 2025 तक चलेगी। इस वीजा के जरिए अमेरिकी टेक और फाइनेंस कंपनियां विदेशों से कुशल कर्मचारियों को भर्ती करती हैं। इस तरह से इच्छुक उम्मीदवारों के पास आवेदन करने के लिए केवल 17 दिन होंगे।
अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा ने जानकारी दी है कि आवेदकों को एच-1बी वीजा के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा, जो यूएससीआईएस की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध होगा। आवेदन प्रक्रिया के तहत 215 डॉलर का शुल्क निर्धारित किया गया है। हर साल एच-1बी वीजा के माध्यम से लगभग 6.5 लाख कुशल विदेशी पेशेवरों को अमेरिका में काम करने की अनुमति दी जाती है, जिसमें भारतीय नागरिकों की बड़ी संख्या शामिल है। अमेरिकी आव्रजन विभाग ने आवेदन प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने और धोखाधड़ी रोकने के लिए कुछ नए प्रावधान जोड़े हैं।
नया एकाउंट बनाकर होगा आवेदन
जो लोग H-1B वीजा के लिए आवेदन करना चाहते हैं, उन्हें USCIS की आधिकारिक वेबसाइट पर एक ऑनलाइन अकाउंट बनाना होगा। इसी अकाउंट के माध्यम से प्रत्येक बेनेफिशियरी के लिए रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। बेनेफिशियरी वह व्यक्ति होता है जिसके लिए वीजा आवेदन किया जा रहा है। प्रत्येक बेनेफिशियरी के लिए निर्धारित रजिस्ट्रेशन शुल्क का भुगतान ऑनलाइन करना अनिवार्य होगा। यदि आपने पहले कभी H-1B वीजा के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं किया है, तो आपको नया ऑनलाइन अकाउंट बनाना पड़ेगा।
H-1B अमेरिकी राजनीति में चर्चा का विषय
एच-1बी वीजा एक नॉन-इमीग्रेंट वीजा प्रोग्राम है, जो विदेशी पेशेवरों को अमेरिका में अस्थायी रूप से काम करने की अनुमति देता है। इस वीजा के तहत केवल उन्हीं उम्मीदवारों को नियुक्त किया जाता है, जिनके पास किसी विशेष क्षेत्र में विशेषज्ञता और आवश्यक शैक्षिक योग्यता होती है।
अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी विभाग द्वारा 17 जनवरी 2025 को H-1B वीजा से जुड़े नए नियम लागू किए गए। यह वीजा कार्यक्रम 1990 में शुरू हुआ था और तब से ही अमेरिकी राजनीति में चर्चा का विषय बना हुआ है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1बी वीजा का समर्थन किया है, हालांकि उनके कुछ समर्थक इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर चुके हैं। वहीं, एलन मस्क और विवेक रामास्वामी जैसे प्रभावशाली नेता भी इस वीजा के पक्ष में हैं।