लोकसभा में विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने निर्वाचन विधि (संशोधन) विधेयक, 2021 पेश किया.भारी हंगामे के बीच चुनाव सुधार बिल Election Laws (Amendment) Bill, 2021 लोकसभा में पास हो गया. विपक्षी सदस्यों की आशंकाओं को निराधार बताते हुए रिजिजू ने कहा कि सदस्यों ने इसका विरोध करने को लेकर जो तर्क दिये हैं, वे उच्चतम न्यायालय के फैसले को गलत तरीके से पेश करने का प्रयास है. यह शीर्ष अदालत के फैसले के अनुरूप है.
(1) चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक, 2021 के तहत इलेक्टोरल रजिस्टेशन अधिकारी-पहचान स्थापित करने के उद्देश्य से आधार कार्ड मांग सकता है.
(2) अगप कोई व्यक्ति अपने वोटर कार्ड को आधार से जोड़ना चाहे, तो वह जोड़ सकता है. लेकिन यह अनिवार्य नहीं होगा. वोटर आईडी को आधार से जोड़ने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के निजता के अधिकार के फैसले को ध्यान में रखा जाएगा. साल 2015 में ही आयोग ने वोटर आईडी को आधार से लिंक करने का काम शुरू कर दिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी.
(3) बिल में प्रावधान है कि 18 साल के युवा साल में 4 बार वोटर के रूप में अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. अभी साल में एक बार यानी एक जनवरी से पहले 18 साल के होने पर खुद को वोटर के रूप में रजिस्टर्ड कराने का प्रावधान है.जिससे युवाओं का वोटर आईडी कार्ड जल्द बन सकेगा. इसके बाद पंजीकरण के लिए हर साल चार कटऑफ तारीक एक जनवरी, एक अप्रैल, एक जुलाई और एक अक्टूबर तय कर दिया जाएगा. इससे लोग जल्द ही वोटर आईडी बनाकर जल्द वोट देने लग जाएंगे.
(4) निर्वाचन आयोग ने ‘पत्नी’(Wife) शब्द को बदलकर ‘स्पाउस’(Spouse) (जीवनसाथी) करने का प्रावधान है.
(5) इस विधेयक के अनुसार, चुनाव संबंधी कानून को सैन्य मतदाताओं के लिए लैंगिक निरपेक्ष बनाया जाएगा. अभी केवल पुरुष सर्विस ऑफिसर की पत्नी का नाम दर्ज करने का तो प्रवाधान है, लेकिन महिला सर्विस ऑफिसर के पति का नाम जुड़वाने का कोई प्रावधान नहीं है. लेकिन, राज्य या केंद्र सरकार के तहत आने वाले पुलिसकर्मी, सैनिक और अर्धसैनिक बल आदि जिन्हें सर्विस ऑफिसर कहा जाता है, उनके पति या पत्नी का भी नाम वोटर के तौर दर्ज किया जा सकेगा.