…अब तो लौटा दो हमारा कोहिनूर

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नई दिल्ली: बिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मौत हो चुकी है. इसके साथ ही ट्विटर पर भारतीयों ने एक मांग शुरू कर दी है. इसमें ब्रिटेन से भारत का कोहिनूर हीरा लौटाने की बात कही जा रही है. 105.6 कैरेट का यह हीरा ब्रिटिश सम्राट के क्राउन में 1937 से लगा हुआ है. मरते दम तक क्वीन इस क्राउन को पहनती रहीं. बताया जा रहा है कि अब इस आइकॉनिक क्राउन को क्वीन कैमिला को सौंप दिया जाएगा.

वहीं ट्विटर यूजर्स कोहिनूर को लेकर मांग शुरू कर दी है. एक यूजर ने लिखा कि क्वीन उपनिवेशवाद की सक्रिय भागीदार थीं. यह इस बात का प्रतीक होगा कि क्वीन एलिजाबेथ अब नहीं रहीं. वहीं एक अन्य यूजर धूम-2 फिल्म का एक सीन पोस्ट किया है. इसमें रितिक रोशन का किरदार चलती ट्रेन से हीरा चुरा रहा है. यूजर ने लिखा कि रितिक रोशन अब अब हमारे देश के हीरा-मोती को ढूंढने की यात्रा पर निकल पड़े हैं. अब वह इसे ब्रिटिश म्यूजियम से भारत वापस लेकर आएंगे.

गौरतलब है कि कोहिनूर हीरे की खोज 14वीं सदी में भारत की गोलकुंडा की खान में हुई थी. अलग-अलग सदियों में यह विभिन्न हाथों में पहुंचता रहा. वहीं भारत सरकार ने भी कई मौकों पर कोहिनूर हीरा लौटाने की मांग रखी है. साल 1947 में भी ऐसी मांग उठ चुकी है. हालांकि ब्रिटिश सरकार इस मांग को लगातार खारिज करती रही है. इतिहास में इस बात का जिक्र मिलता है कि यह कीमती हीरा 1849 में भारत में ब्रिटेन पहुंचा था. तब एंग्लो-सिख वॉर के बाद लाहौर के महाराज ने संधि के तहत इसे ब्रिटिश राज को सौंपा था.

राजा जॉर्ज छठे की ताजपोशी के लिए 1937 में एक मुकुट बनाया गया था. इसमें कई कीमती पत्थर भी लगे हैं, जिसमें कोहिनूर भी शामिल है. प्रिंस चार्ल्स के राजा बनने पर डचेस कैमिला को भी क्वीन की उपाधि दी जाएगी. चार्ल्स के राज्याभिषेक के दौरान कैमिला को ही कोहिनूर के साथ ताज सौंपा जाएगा. कोहिनूर 105 कैरेट का हीरा है. भारत की गोलकुंडा खदान में मिला था. 1849 में जब ब्रिटिश उपनिवेश पंजाब में आया तो इसे अंतिम सिख शासक दलीप सिंह ने महारानी को भेंट किया था. मूल रूप में कोहिनूर हीरा 793 कैरेट का था. वर्तमान में यह 105.6 कैरेट का रह गया है जिसका वजन 21.6 ग्राम है. एक समय इसे दुनिया का सबसे बड़ा हीरा माना जाता था.

कोहिनूर हीरा वर्तमान में प्लेटिनम के मुकुट में है जिसे महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने इंग्लैंड के सम्राट के रूप में अपने शासनकाल के दौरान पहना था. इस साल फरवरी में, महारानी ने घोषणा की थी कि जब चार्ल्स इंग्लैंड में राजशाही की बागडोर संभालेंगे तो कैमिला पार्कर बाउल्स क्वीन कंसोर्ट बनेंगी. अब, महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद इस बात की पूरी संभावना है कि कैमिला कोहिनूर पहनेगी.

भारत आजाद होने के बाद साल 1953 में कोहिनूर हीरे की वापस करने की मांग रखी थी जिस इंग्लैंड ने खारिज कर दिया था. लेकिन भारत सरकार इस बारे में अपनी कोशिश जारी रखी. ब्रिटेन का कहना है कि भारत के पास कोहिनूर वापस मांगने का कोई कानूनी आधार नहीं है. क्योंकि समकालीन पंजाब के 13 साल के राजा दलीप सिंह ने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को यह हीरा तोहफे में दिया था. भारत के अलावा साल 1976 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो ने कोहिनूर हीरा मांगने की कोशिश की थी लेकिन उनके भी मना कर दिया गया.

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