आर्मी चीफ की नियुक्ति पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने कठपुतली, लंदन में बैठा ये व्यक्ति लेगा निर्णय

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इस्लामाबाद: पाकिस्तान के नए सेना अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए देश के प्रधानमंत्री लंदन की गलियों में घूम रहे हैं. PM शहबाज शरीफ शर्म अल-शेख में चल रही UN क्लाइमेट समिट के बाद सीधे अपने बड़े भाई और पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के पास जा पहुंचे हैं. पाकिस्तान के अखबार डॉन न्यूज़ की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस महीने के अंत में नए सेना प्रमुख की होने वाली नियुक्ति पर अपने बड़े भाई नवाज शरीफ से परामर्श करने के लिए शहबाज शरीफ बुधवार को लंदन पहुंचे. साथ ही पाकिस्तान के शिक्षा मंत्री राणा तनवीर हुसैन ने एक निजी टीवी टॉक शो में पुष्टि करते हुए बताया कि पीएम नवाज शरीफ के साथ महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करेंगे, जिसमें नए सेना प्रमुख की नियुक्ति भी शामिल है.

आर्मी चीफ की नियुक्ति के साथ ही लॉन्ग मार्च को लेकर भी शहबाज अपने बड़े भाई से सलाह ले सकते हैं. सरकार के लिए सिर दर्द बने इमरान खान अब लॉन्ग मार्च को फिर से शुरू करने की धमकियां देकर लगातार सत्ता दल के लिए गले की हड्डी बने हुए हैं. वहीं दूसरी ओर, पीटीआई प्रमुख इमरान खान ने अफसोस जताया कि पीएम अपने बड़े भाई के साथ अगले सेना प्रमुख की नियुक्ति पर चर्चा करेंगे, जो आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन और उनकी शपथ का उल्लंघन होगा.

पाकिस्तान के कानून और संविधान के मुताबिक कुल 6 अफसर आर्मी चीफ बनने की लाइन में हैं. इस्लामिक देश के संविधान के अनुच्छेद 243 (3) के अनुसार, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री की सिफारिश पर सेना प्रमुखों की नियुक्ति करता है. आगे नियमों को पढ़ने पर पता चलता है कि बिजनेस ऑफ रूल्स की अनुसूची V-A के मुताबिक पाकिस्तानी सेना में लेफ्टिनेंट-जनरल और समकक्ष रैंक के पद से ऊपर और उससे ऊपर की नियुक्ति प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रपति के परामर्श से की जाती हैं. बता दें कि जनरल बाजवा की सेवानिवृत्ति के समय छह वरिष्ठ लेफ्टिनेंट-जनरलों में से चार एक ही बैच के होंगे.

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