संभल: उत्तर प्रदेश की एक बड़ी खबर के अनुसार यहां के संभल में प्रशासन ने बीते 42 सालों से बंद पड़े हनुमान और शिव मंदिर को आज फिर से खोल दिया है। यह मंदिर दीपा सराय में स्थित बताया जा रहा है, जहां पर बीते 24 नवंबर को हिंसा हुई थी। यह मंदिर बीते तीन दशकों से बंद पड़ा था। वहीं आज मंदिर के दरवाजे खुलते ही परिसर और प्रांगण जय श्री राम और जय हनुमान के नारे से गुंजायमान और माहोल भक्तीमय हो गया। मंदिर खुलने से हिंदू समुदाय हर्षीत है।
इस बाबत संभल के सीओ अनुज कुमार चौधरी का कहना है कि, हमें सूचना मिली थी कि इलाके में एक मंदिर पर जानबुझकर अतिक्रमण किया जा रहा है। वहीं इसके बाद यहां पुलिस की एक टीम पहुंची और मौके का जायजा लिया। यहां एक मंदिर मिला, जिसे पुलिस प्रशासन ने आज खोला है। मंदिर की साफ-सफाई पुलिस की टीम ने ही की है।
मामले पर एडिशनल SP श्रीश चंद्र ने कहा, “जांच के दौरान पता चला कि कुछ लोगों ने मंदिर पर मकान बनाकर अतिक्रमण कर लिया था।।।मंदिर को साफ कर दिया गया है और मंदिर पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।मंदिर में भगवान शिव और भगवान हनुमान की मूर्तियां हैं। इस इलाके में हिंदू परिवार रहते थे और कुछ कारणों से उन्होंने यह इलाका छोड़ दिया। मंदिर के पास एक प्राचीन कुएं के बारे में भी जानकारी मिली है।”
यहां के स्थानीय निवासी ने बताया कि यह मंदिर बीते 46 साल से बंद था। इसकी वजह ये थी कि यहां कोई आता जाता ही नहीं था। पुजारी भी मंदिर में नहीं टिक पाता था। एक बुजुर्ग विष्णु शरण रस्तोगी ने बताया कि मंदिर हमारे पूर्वजों का था। लेकिन सालों पहले यहां से हिंदू परिवार पलायन कर गए। इसी वजह से मंदिर में ताला लगाना पड़ा। बुजुर्ग ने कहा कि मंदिर में ताला हमारे भतीजे ने ही बाद में लगाया था।
इस बाबत नगर हिंदू सभा के संरक्षक विष्णु शरण रस्तोगी कहते हैं, “हम खग्गू सराय इलाके में रहते थे।हमारे पास पास में ही (खग्गू सराय इलाके में) एक घर है।।।1978 के बाद हमने घर बेच दिया और जगह खाली कर दी। यह भगवान शिव का मंदिर है।हमने यह इलाका छोड़ दिया और हम इस मंदिर की देखभाल नहीं कर पाए। इस जगह पर कोई पुजारी नहीं रहता।15-20 परिवार इस इलाके को छोड़ कर चले गए।हमने मंदिर को बंद कर दिया था क्योंकि पुजारी यहां नहीं रह पाते थे। किसी पुजारी ने यहां रहने की हिम्मत नहीं की।मंदिर 1978 से बंद था और आज इसे खोल दिया गया है।”