प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में मार्गों की गुणवत्ता की जांच हेतु लागू त्रिस्तरीय व्यवस्था का परिपालन कडा़ई से किया जाय: मौर्य

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के कार्यों में निर्धारित मानकों व गुणवत्ता की जांच सुनिश्चित करने त्रिस्तरीय जांच की व्यवस्था लागू है। उन्होंने लागू त्रिस्तरीय व्यवस्था का परिपालन कडा़ई से कराये जाने के निर्देश सभी सम्बंधित अधिकारियों को दिए हैं। कहा कि इस व्यवस्था से सड़कों के निर्माण कार्य की गुणवत्ता बनाए रखने अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं।

केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से पीरियाडिकल रिनीवल और सड़कों के उच्चीकरण आदि का कार्य जनता को आवागमन की बेहतर से बेहतर सेवाओं को उपलब्ध कराने के उद्देश्य से किया जा रहा है। 25 दिसम्बर 2000 को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का शुभारंभ तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व० अटल बिहारी बाजपेई के कार्यकाल में किया गया था। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत प्रदेश में उल्लेखनीय कार्य हुए हैं। इस योजना में निर्मित मार्गों के 5 वर्ष तक रख रखाव (अनुरक्षण) की जिम्मेदारी संबंधित ठेकेदार की होती है। अनुरक्षण का बजट राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाता है। इस योजना में गुणवत्ता की जांच की त्रिस्तरीय व्यवस्था है, जिसके माध्यम से गुणवत्ता सुनिश्चित की जाती है।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना मे प्रयागराज ,चित्रकूट ,आगरा, हाथरस, मैनपुरी, हमीरपुर, व झांसी में कुल 9 मार्गों पर एफडीआर तकनीक पर कार्य तेजी से कराए जा रहे हैं। इस तकनीक पर इन 9 मार्गों को एफ डी आर तकनीक पर कराये जाने का कार्य पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लिया गया था। इस वर्ष प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में रू०7373.71करोड़ की धनराशि के बजट का प्रावधान किया गया है, जिसके सापेक्ष अब तक रू० 629.14 करोड़ की धनराशि व्यय जा चुकी है।

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